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सावधान : इस तारीख के बाद चलन से बहार होंगे दो हजार के नोट, जानिए कैसे सुरक्षित रहेंगे आपके नोट…

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें, हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की. इसके अलावा आरबीआई ने कहा कि 30 सितंबर तक मौजूदा नोटों को या तो बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 2,000 रुपए के नोट वैध रहेंगे. आरबीआई ने बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2,000 रुपए के नोट जारी करने से रोकने की सलाह दी है.

परिचालन सुविधा सुनिश्चित करने और बैंक शाखाओं की नियमित गतिविधियों में व्यवधान से बचने के लिए आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक बार में 20000 रुपये की सीमा तक बदला जा सकता है. इसके अलावा, 2000 रुपये के बैंक नोटों को एक समय में 20,000 रुपये की सीमा तक बदलने की सुविधा 23 मई से आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में जारी की जाएगी.

साल 2016 नवंबर में नोटबंदी के बाद 2000 हजार रुपये का नोट लाया गया था. नोटबंदी में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिया गया था. इस दौरान सरकार ने कहा था कि ये कदम भ्रष्टाचार खत्म करने और छप रहे जाली नोटों पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है. नोटबंदी पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि ये निर्णय सरकार ने बिना सोचे समझे लिया है.

आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने  बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें।  हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे। 

2016 में आरबीआई ने किए थे जारी

आरबीआई ने नवंबर 2016 में आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत ये नोट निकाले थे। रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद इन नोटों को जारी किया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय 500 और 1000 रुपये के जो नोट चलन से हटाए गए थे, उनका बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर कम किया जा सके। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य पूरा हो गया। आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को लाने के उद्देश्य के एक बार पूरा हो जाने के बाद 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। उस समय तक अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए थे। आरबीआई ने यह भी बताया है कि मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे।  

23 मई से शुरू होगी बैंकों में नोट बदलने की प्रक्रिया

लोग दो हजार रुपये के नोट बैंक खातों में जमा करा सकेंगे या फिर उन्हें अन्य मूल्य के नोटों के साथ किसी भी बैंक शाखा में जाकर एक्सचेंज करा सकेंगे। लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि एक बार में अधिकतम 20 हजार रुपये मूल्य के नोट बदलवाए जाए सकेंगे। यह प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी और 30 सितंबर 2023 को खत्म होगी।

30 सितंबर के बाद भी लीगल टेंडर में रहेगा

एएनआई के सूत्रों ने बताया है कि 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर के बाद भी लीगल टेंडर रहेगा। आरबीआई को उम्मीद है कि बैंकों के साथ नोट बदलने के लिए लोगों के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है। चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे। यह आरबीआई की नियमित कवायद है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

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