देहरादून: उत्तराखंड में नौकरशाही पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। काम में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए सीएम ने उन्हें चिह्नित करने के आदेश दिए हैं।
इतना ही नहीं, अपराध और नशे के खिलाफ कार्रवाई से बचने वाले अफसरों की सूची तैयार कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात भी कही गई है। यह कदम न सिर्फ प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करेगा, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद करेगा।
सीएम धामी ने त्योहारों के मौके पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एक अहम बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, वांटेड अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने और ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के सपने को साकार करने के लिए सभी विभागों को लगातार प्रयास करने को कहा। सीएम ने पुलिस को सीमावर्ती इलाकों में सघन चेकिंग और एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने डीजीपी को यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने और ट्रैफिक जाम से लोगों को होने वाली परेशानी को रोकने के निर्देश दिए। रात में पुलिस गश्त बढ़ाने की बात भी कही गई। इसके अलावा, सीएम ने राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने पर जोर दिया।
इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, प्लंबर जैसे क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के कौशल विकास के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई गई। बैठक में पुलिस प्रमुख दीपम सेठ, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी और गृह सचिव शैलेश बगौली मौजूद रहे।