रुड़की : पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और विधायक उमेश शर्मा के बीच विवाद अब गंभीर रूप लेता जा रहा है। हाल ही में इस प्रकरण में पूर्व विधायक चैंपियन को जेल भेजे जाने के बाद गुर्जर समाज में आक्रोश बढ़ गया। इसी मुद्दे को लेकर लक्सर में महापंचायत बुलाई गई थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। इसके बावजूद बुधवार को हजारों की संख्या में लोग लंढौरा रंगमहल पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन किया।
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन ने रंगमहल का गेट बंद कर दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनातनी हो गई। गहमागहमी के बाद 10 मिनट के लिए गेट खोलने की मांग स्वीकार कर ली गई, जिसके बाद समाज के विभिन्न प्रदेशों और जिलों से आए नेताओं ने विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक चैंपियन को जेल भेजे जाने और विधायक उमेश शर्मा को बेल मिलने से गुर्जर समाज में रोष व्याप्त है। समाज के लोगों ने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया और न्याय की मांग को लेकर लक्सर में महापंचायत बुलाने की घोषणा की थी। लेकिन ऐन वक्त पर रानी देवयानी द्वारा चैंपियन का पत्र पढ़कर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने महापंचायत स्थगित करने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद बुधवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग लंढौरा रंगमहल पहुंच गए।
प्रशासन ने पहले ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे और मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी। लेकिन प्रदर्शनकारी वैकल्पिक रास्तों से होकर रंगमहल तक पहुंच गए, जिससे पुलिस को मजबूरन गेट बंद करना पड़ा। गेट न खुलने पर लोगों ने जोरदार विरोध किया। काफी मशक्कत के बाद प्रशासन ने 10 मिनट के लिए गेट खोलने पर सहमति जताई, जिसके बाद वीर गुर्जर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र गुर्जर समेत कई नेताओं ने सभा को संबोधित किया और विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ नाराजगी जताई।
नेताओं ने आरोप लगाया कि विधायक उमेश शर्मा के कैंप कार्यालय पर हुई फायरिंग के मामले में पूर्व विधायक चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि रंगमहल में हुई घटना के बावजूद विधायक उमेश को बेल मिल गई। समाज के लोगों ने इस निर्णय को अन्यायपूर्ण करार दिया और इसे एकतरफा कार्रवाई बताया। उन्होंने साफ कहा कि यदि विधायक उमेश शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल, सीओ मंगलौर विवेक कुमार, कोतवाली प्रभारी शांति कुमार गंगवार समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। खुफिया विभाग भी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है, क्योंकि पुलिस को अंदेशा नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग लंढौरा पहुंच सकते हैं।
फिलहाल, प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन समाज के लोगों में अब भी आक्रोश बना हुआ है। आगामी दिनों में इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।