देहरादून : पटेलनगर इलाके से गायब हुए बुजुर्ग श्यामलाल की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने आखिरकार सुलझा लिया। इस सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपियों, 25-25 हजार रुपये के इनामी दंपत्ति गीता और हिमांशु चौधरी को दून पुलिस ने पंजाब के अमृतसर से धर दबोचा।
यह जोड़ी लंबे समय से फरार थी और अपनी करतूत को छिपाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में भागती रही। इस वारदात ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया, जब पता चला कि बुजुर्ग को ब्लैकमेल करने की साजिश नाकाम होने पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई और शव को टुकड़ों में काटकर नहर में फेंक दिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि गीता और हिमांशु ने श्यामलाल को अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने किशननगर एक्सटेंशन में एक किराए का कमरा लिया और 2 फरवरी 2025 को श्यामलाल को वहां बुलाया। लेकिन जब बुजुर्ग को साजिश का अंदेशा हुआ और उसने विरोध किया, तो दोनों ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद शव को छिपाने के लिए हिमांशु, जो एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुका था, ने अपने चिकित्सकीय ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए शव को टुकड़ों में काटा और प्लास्टिक के थैलों में भरकर सहारनपुर की साखन नहर में फेंक दिया।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की। टीम ने सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से आरोपियों का पीछा किया। गीता और हिमांशु के फरार होने के बाद पुलिस ने मुंबई, जयपुर, प्रयागराज, कुरुक्षेत्र और अमृतसर में लगातार दबिश दी।
पहले दो अन्य सह-अभियुक्तों, गीता के भाई अजय और बहनोई धनराज को गिरफ्तार किया जा चुका था, जिनसे पूछताछ में मुख्य आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिली। आखिरकार, 28 फरवरी 2025 को दोनों को अमृतसर से पकड़ लिया गया।
पूछताछ में गीता ने बताया कि श्यामलाल के साथ उसके 12 साल से अवैध संबंध थे। पैसों की तंगी से जूझ रहे इस दंपत्ति ने उसे ब्लैकमेल करने की ठानी थी। लेकिन योजना फेल होने पर हत्या ही उनकी आखिरी चाल बन गई। पुलिस ने शव को 20 फरवरी को सहारनपुर से बरामद किया था। इस सफल ऑपरेशन के लिए दून पुलिस की तारीफ हो रही है, जो अपनी मेहनत और लगन से अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाब रही।