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Uniform Civil Code पर कांग्रेस का हमला, कई लूप होल्स को उजागर कर धामी सरकार पर साधा निशाना

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देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश में लागू किए जाने वाले समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर भाजपा सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट करार दिया और कहा कि इसमें कई गंभीर खामियां हैं। माहरा का कहना है कि भाजपा सरकार का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 44 के खिलाफ है, और यदि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाता है, तो यह कानून कहीं भी टिक नहीं पाएगा।

करन माहरा ने इस कानून के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें धारा 40 के तहत विवाह विच्छेद की प्रक्रिया को लेकर समस्याएं हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई महिला उत्तराखंड में विवाह विच्छेद के लिए याचिका दायर करती है, जबकि पुरुष ने दूसरे राज्य में ऐसा किया है, तो एक ही स्थान पर वाद कैसे लाया जा सकता है? यह प्रक्रिया पूरी तरह से भ्रमित करने वाली है और इससे कानून का पालन करना और कठिन हो जाएगा।

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो पूरी तरह से अस्पष्ट हैं, जिससे विवाद और अधिक बढ़ सकते हैं। उन्होंने खासकर भाग तीन में ‘सहवासी’ शब्द के उपयोग पर भी आपत्ति जताई। उनके अनुसार, यह शब्द और इसका उपयोग इस कानून के उद्देश्य को स्पष्ट करने में नाकामयाब है।

माहरा ने लिव-इन रिलेशनशिप को बढ़ावा देने की कोशिश पर भी कड़ा रुख अपनाया। उनका कहना था कि भारत और विशेष रूप से उत्तराखंड में ऐसी प्रथाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने भाजपा सरकार से यह स्पष्टता मांगी कि वह किस आधार पर लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी रूप से मान्यता देने की कोशिश कर रही है। अगर सरकार इसे स्पष्ट नहीं करती, तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर में इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाएगी और लोगों से इसका विरोध करेगी।

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार की यह कोशिश उत्तराखंड की पारंपरिक और सांस्कृतिक धारा के खिलाफ है। उन्होंने इसे ‘बैंकॉक की संस्कृति’ उत्तराखंड में लाने की एक कुत्सित राजनीति करार दिया। उनका कहना था कि इस कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनमें बदलाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराना आवश्यक है। इसलिए, धामी सरकार का यह कदम न सिर्फ संविधानिक रूप से गलत है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी खतरे में डाल सकता है।

माहरा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। पार्टी पूरे प्रदेश में जाकर लोगों से बातचीत करेगी, विशेष रूप से भाग तीन के संदर्भ में, और उनसे यह पूछेगी कि क्या वे भाजपा द्वारा लागू किए गए समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं। कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य प्रदेश के लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है ताकि वे इस कानून के खिलाफ खड़े हो सकें और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।

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उन्होंने अंत में कहा कि भाजपा को इस कानून की पूरी प्रक्रिया को फिर से देखना चाहिए और उसे लोगों के विचारों और संवेदनाओं के मुताबिक सुधारना चाहिए। उत्तराखंड के लोग कभी भी ऐसे कानून को स्वीकार नहीं करेंगे जो उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक धारा से मेल न खाता हो।

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