देहरादून : शहर का बल्लीवाला फ्लाईओवर, जो कभी सड़क दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात था, अब सुरक्षा की दिशा में एक नई मिसाल बन रहा है। आज, 25 फरवरी 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर इस फ्लाईओवर का संयुक्त निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण का मकसद था कि पहले से लागू सुधारात्मक कदमों को और प्रभावी बनाया जाए, ताकि सड़क हादसों पर पूरी तरह से लगाम लग सके। आपको बता दें कि मई 2024 में हुए पिछले संयुक्त निरीक्षण के बाद उठाए गए कदमों का असर साफ दिखा है। तब से लेकर अब तक बल्लीवाला फ्लाईओवर पर कोई भी दुर्घटना सामने नहीं आई, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन सवाल यह उठता है—क्या यह सुरक्षा स्थायी रूप से बरकरार रह पाएगी?
पिछले साल मई में जब एसएसपी देहरादून ने एनएच डोईवाला, एमडीडीए, नगर निगम, विद्युत विभाग और वन विभाग के साथ मिलकर निरीक्षण किया था, तो कई कमियां सामने आई थीं। इनमें स्पीड कंट्रोल की कमी, सुरक्षा उपकरणों का अभाव और कुछ जगहों पर खराब रखरखाव शामिल था।
इसके बाद स्पीड ब्रेकर लगाए गए, सेफ्टी वॉल्स को मजबूत किया गया और चेतावनी संकेतों को बेहतर बनाया गया। नतीजा? दुर्घटनाओं की संख्या में भारी कमी। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जहां हर हफ्ते कोई न कोई हादसा सुनने को मिलता था, वहीं अब स्थिति काफी नियंत्रण में है। फिर भी, प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। आज के निरीक्षण में एसएसपी ने बल्लीवाला फ्लाईओवर की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और कुछ नई खामियों को चिह्नित किया।
निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कमला पैलेस की ओर से कमलेश्वर महादेव मंदिर के सामने तक पेड़ों की लापिंग की जाए, ताकि दृश्यता बढ़े और हादसों की संभावना कम हो। इसके अलावा, फ्लाईओवर पर रोशनी की व्यवस्था को और बेहतर करने की बात कही गई।
क्या आपको नहीं लगता कि ये छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं? इस मौके पर नगर निगम के कर अधीक्षक राहुल कैन्थोला, यूपीसीएल के एसडीओ विनय कुमार सिंह, एनएच डोईवाला के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट, एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर राहुल कपूर, क्षेत्राधिकारी यातायात जगदीश पंत और वन विभाग के डिप्टी रेंजर सुरेंद्र कुमार मौजूद रहे। सभी ने मिलकर फ्लाईओवर की कमियों को दूर करने की योजना पर चर्चा की।
यह निरीक्षण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि देहरादून की सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। बल्लीवाला फ्लाईओवर, जो कभी “खूनी फ्लाईओवर” के नाम से जाना जाता था, अब धीरे-धीरे अपनी छवि बदल रहा है। मई 2024 के बाद से कोई हादसा न होना इस बात का सबूत है कि सही दिशा में उठाए गए कदम असर दिखाते हैं।
लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा उपायों को निरंतर अपडेट करना होगा, क्योंकि मौसम, ट्रैफिक और रखरखाव जैसे कारक हर दिन नई मुश्किलें ला सकते हैं। आप क्या सोचते हैं—क्या देहरादून का यह प्रयास अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है?