चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में एक भीषण हिमस्खलन ने तबाही मचा दी। ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए, जो एक निजी प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे थे। चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि इस आपदा में अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि बाकी को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है।
उन्होंने कहा, “ITBP, NDRF, SDRF और BRO की टीमें दिन-रात राहत कार्य में जुटी हैं। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि सभी मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाए।”
हालांकि, खराब मौसम ने बचाव कार्य को मुश्किल बना दिया है। डीएम तिवारी ने बताया कि लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण हेलिकॉप्टर सेवाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। मौके पर सेटेलाइट फोन जैसी संचार सुविधाओं का अभाव भी चुनौती बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, “खराब मौसम की वजह से मूवमेंट और कम्यूनिकेशन में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन हमें उच्च अधिकारियों से पूरा सहयोग मिल रहा है।” राहत की बात यह है कि अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं आई है।
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में बारिश और ऊंचे हिमालयी इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है। इससे यातायात और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। गढ़वाल स्काउट्स की टीमें भी माणा में राहत कार्य में मदद कर रही हैं। डीएम ने भरोसा जताया कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी और सभी फंसे मजदूर सुरक्षित होंगे। यह घटना एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता और हिमालयी क्षेत्रों में काम करने वालों के जोखिम को उजागर करती है।