देहरादून : आज सचिन थपलियाल ने एक प्रेस रिलीज के जरिए उत्तराखंड में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने देहरादून में एक महिला दरोगा के साथ बलात्कार करने वाले कॉन्स्टेबल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। साथ ही, उन्होंने सरकार से पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव को कम करने की अपील की, ताकि कानून का शासन मजबूत हो सके। सचिन ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिस राज्य को शांत और सुरक्षित माना जाता था, वहां आज अपराध का बोलबाला हो गया है।
उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए मशहूर रहा है। लेकिन हाल के दिनों में अपराध की बढ़ती घटनाओं ने इसकी छवि को धूमिल कर दिया है। क्रिमिनल सिंडिकेट्स का पनपना और ड्रग माफिया का बढ़ता प्रभाव चिंता का बड़ा कारण बन गया है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर ऋषिकेश, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून और रुद्रपुर जैसे शहरों में दुष्कर्म और हत्या की वारदातों ने महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। लोग अब अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते।
इसी तरह, हरिद्वार और देहरादून में दिनदहाड़े ज्वेलर्स की दुकानों पर डकैती की घटनाएं सामने आईं, जहां अपराधी आसानी से फरार हो गए और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। एक अन्य मामले में घंटाघर के पास “लिंक वायर” चोरी का गैंग अभी तक पकड़ा नहीं गया। ऋषिकेश में एक पूर्व सैनिक के साथ मारपीट और एक पत्रकार पर जानलेवा हमले जैसे मामले भी लोगों के सामने हैं। ये घटनाएं न सिर्फ आम लोगों में डर पैदा कर रही हैं, बल्कि उत्तराखंड के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े कर रही हैं।
आज हालात यह हैं कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ड्रग माफिया, ठगों, क्रिमिनल सिंडिकेट्स और राजनीतिक गैंगस्टरों के चंगुल में फंसती नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि पुलिस प्रशासन के लिए इनसे निपटना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लोग अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाला कोई है भी या नहीं। उत्तराखंड को फिर से सुरक्षित और शांत बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।