Haridwar News : हरिद्वार में प्रशासन ने अवैध तरीके से चल रहे मदरसों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को तहसील प्रशासन, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की संयुक्त टीम ने सिडकुल, रानीपुर, रोशनाबाद जैसे इलाकों में छापेमारी की। इस अभियान में बिना पंजीकरण संचालित हो रहे पांच मदरसों को सील कर दिया गया।
भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी में हुई इस कार्रवाई ने क्षेत्र में हलचल मचा दी। तहसीलदार प्रियंका रानी ने बताया कि नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों पर सख्ती बरती जाएगी।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
टीम ने नवोदय नगर, सलेमपुर, दादूपुर और गोविंदपुर जैसे क्षेत्रों में जांच की। इस दौरान मदरसा मौलाना अबुल कलाम आजाद (नवोदय नगर), जामिया इस्लाहुल फिक्र (दादूपुर गोविंदपुर), दारुल उलूम कसमियां (दादूपुर गोविंदपुर), रजविया फैजल कुरान (सलेमपुर) और मदरसा अरबिया जामिया उल हुलूम (सलेमपुर) को अवैध पाया गया। इन सभी को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। तहसीलदार ने कहा कि इन मदरसों के पास संचालन के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।
रोशनाबाद में बंद मदरसे को भी हिदायत
रोशनाबाद के मदरसा मदीना फैजाने साबिर पाक में भी टीम पहुंची। वहां प्रबंधक ने बताया कि यह मदरसा पिछले डेढ़ साल से बंद है। टीम ने साफ चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इसे दोबारा शुरू करना होगा तो पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने सख्त लहजे में कहा कि बिना अनुमति के संचालन की कोशिश कानूनी कार्रवाई को न्योता देगी। इस दौरान खंड शिक्षाधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और स्थिति का जायजा लिया।
क्यों जरूरी है पंजीकरण?
प्रशासन का कहना है कि बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसे न सिर्फ नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि पारदर्शिता और सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा पैदा कर सकते हैं। सील किए गए मदरसों को नोटिस जारी कर हिदायत दी गई है कि वे वैध अनुमति और पंजीकरण के बाद ही संचालन शुरू करें। तहसीलदार प्रियंका रानी ने कहा, “हमारा मकसद किसी समुदाय को परेशान करना नहीं, बल्कि नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। जो भी नियम तोड़ेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।”
लोगों में क्या है चर्चा?
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा का माहौल है। कुछ का मानना है कि यह कदम जरूरी था, ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम लग सके। वहीं, कुछ लोग इसे प्रशासन की सख्ती का नतीजा मान रहे हैं। सिडकुल और रानीपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भी इस अभियान का असर देखने को मिला। पुलिस और पीएसी की तैनाती ने कार्रवाई को और गंभीर बना दिया।