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Uttarakhand Cabinet Meeting : उत्तराखंड में 25 नए प्रस्तावों पर मुहर, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

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Uttarakhand Cabinet Meeting : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हाल ही में एक अहम मंत्रिमंडल बैठक हुई। सचिवालय में लगभग दो महीने बाद आयोजित यह बैठक करीब चार घंटे तक चली और इसमें जनहित से जुड़े 25 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह बैठक राज्य के विकास और किसानों की खुशहाली के लिए नए रास्ते खोलने वाली साबित हुई। आइए जानते हैं, इस बैठक में क्या-क्या खास रहा और ये फैसले आम लोगों के लिए क्यों मायने रखते हैं।

कीवी खेती को नया प्रोत्साहन

उत्तराखंड में कीवी की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति को हरी झंडी दिखाई गई। वर्तमान में राज्य के 682 हेक्टेयर क्षेत्र में 381 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन हो रहा है, लेकिन अब सरकार ने बड़ा लक्ष्य रखा है। 2025-26 से 2030-31 तक कीवी खेती का क्षेत्रफल बढ़ाकर 3500 हेक्टेयर और उत्पादन को 33 हजार मीट्रिक टन तक ले जाने की योजना है। इस नीति के तहत प्रति एकड़ 12 लाख रुपये का मानक तय किया गया है, जिसमें 50 से 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी सरकार देगी। यह कदम पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए आय का नया स्रोत बनेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।

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ड्रैगन फ्रूट खेती: किसानों के लिए नई उम्मीद

मंत्रिमंडल ने ड्रैगन फ्रूट खेती को बढ़ावा देने वाली स्कीम को भी मंजूरी दी। अगले पांच सालों में 282 एकड़ भूमि पर इस विदेशी फल की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिससे करीब 450 किसानों को फायदा होगा। इस योजना में 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है, जो छोटे और मध्यम किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट की बढ़ती मांग को देखते हुए यह फैसला न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि उत्तराखंड को इस फल का हब भी बना सकता है।

सेब और मिलेट के लिए नई योजनाएं

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बैठक में सेब की तुड़ाई के बाद प्रबंधन के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना में सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, ताकि सेब उत्पादक किसानों को फसल की बर्बादी से बचाया जा सके और उनकी आय बढ़ाई जा सके। इसके अलावा, उत्तराखंड स्टेट मिलेट पॉलिसी 2025-26 में संशोधन को भी हरी झंडी मिली। यह संशोधन मिलेट उत्पादन को बढ़ाने और इसे बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगा, जिससे पोषक अनाजों की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।

सूक्ष्म खाद्य उद्यमों को नई राह

मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में भी बदलाव किए गए हैं। यह संशोधन छोटे खाद्य व्यवसायों को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा। खासकर उन युवाओं के लिए यह योजना फायदेमंद होगी, जो अपने स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं।

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क्यों खास रही यह बैठक?

यह मंत्रिमंडल बैठक इसलिए भी खास थी, क्योंकि इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया। ये सभी फैसले उत्तराखंड के किसानों, छोटे व्यवसायियों और ग्रामीण समुदायों के लिए नए अवसर लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बैठक के जरिए यह साफ कर दिया कि उनकी सरकार का फोकस सतत विकास और समावेशी प्रगति पर है।

उत्तराखंड के लोग अब इन योजनाओं के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। अगर आप भी इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या सरकारी कार्यालय से संपर्क करें। ये फैसले न केवल आज की जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि भविष्य में राज्य को और समृद्ध बनाने में भी मदद करेंगे।

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