19 May 2025, Mon

Dehradun Crime : ऑफिस से लाखों का सामान चोरी, पुलिस ने 48 घंटे में किया चौंकाने वाला खुलासा


Dehradun Crime : देहरादून के डालनवाला क्षेत्र में 28 अप्रैल 2025 को एक सनसनीखेज चोरी की घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया। साकेत कॉलोनी के निवासी राहुल नायर ने कोतवाली डालनवाला में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात चोर ने उनके घर के निचले तल पर स्थित ऑफिस में सेंध लगाकर महंगे लैपटॉप, मोबाइल फोन, गॉगल्स, और हस्ताक्षर युक्त चेक चुरा लिए। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। क्या कोई शातिर अपराधी शहर में बेखौफ घूम रहा था? यह सवाल हर किसी के मन में था।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 48 घंटे में खुलासा

दून पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत एक विशेष टीम गठित की। वरिष्ठ उपनिरीक्षक गुमान सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में संदिग्ध की कुछ झलकियां मिलीं, जिसके आधार पर पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया। कड़ी मेहनत और तकनीकी सहायता के दम पर पुलिस ने 29 अप्रैल को कैनाल रोड पर चेकिंग के दौरान मोनू उर्फ राहुल को धर दबोचा। उसके पास से चोरी का सारा माल बरामद हुआ, जिसकी कीमत लगभग तीन लाख रुपये आंकी गई है।

अभियुक्त का कबूलनामा, नशे की लत बनी वजह

पूछताछ में मोनू ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि वह नशे का आदी है और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए उसने चोरी की वारदात को अंजाम दिया। 25 वर्षीय मोनू मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में देहरादून के नालापानी क्षेत्र में रहता है। हैरानी की बात यह है कि वह पहले भी चोरी के एक मामले में जेल जा चुका है। क्या नशे की लत उसे बार-बार अपराध की दुनिया में धकेल रही है? यह सवाल समाज के लिए भी विचारणीय है।

बरामद सामान की सूची, पुलिस की बड़ी कामयाबी

पुलिस ने मोनू के कब्जे से चोरी का सारा माल बरामद कर लिया। इसमें तीन लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, एक जोड़ी YSL गॉगल्स, दो हस्ताक्षर युक्त चेक, और कैनरा बैंक व पीएनबी की खाली चेक बुक शामिल हैं। बरामद सामान की अनुमानित कीमत तीन लाख रुपये है। इस सफलता ने न केवल पीड़ित का भरोसा जीता, बल्कि दून पुलिस की कार्यकुशलता को भी रेखांकित किया।

दून पुलिस की सजगता, अपराधियों में खौफ

यह मामला दून पुलिस की सजगता और त्वरित कार्रवाई का एक और उदाहरण है। सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सहायता, और स्थानीय मुखबिरों के सहयोग से पुलिस ने न केवल चोर को पकड़ा, बल्कि चोरी का सारा माल भी बरामद कर लिया। पुलिस टीम में शामिल वरिष्ठ उपनिरीक्षक गुमान सिंह नेगी, उपनिरीक्षक रवि प्रसाद कवि, और अन्य अधिकारियों की मेहनत ने इस मामले को 48 घंटे में सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। क्या ऐसी कार्रवाइयां अपराधियों के मन में खौफ पैदा करेंगी? यह समय बताएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *