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Dehradun News : देहरादून की महिलाएं सीख रहीं अनोखी तकनीक, चारधाम यात्रा में बिकेगी "देवभूमि की धूप"

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Dehradun News : देहरादून की वादियों में एक नई शुरुआत हो रही है, जहां महिलाएं अपनी आर्थिक स्वतंत्रता की राह पर कदम बढ़ा रही हैं। जिला प्रशासन ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं के लिए बंजारावाला में पांच दिवसीय धूप-अगरबत्ती निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि चारधाम यात्रा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाने का भी सुनहरा मौका प्रदान कर रही है।

हुनर को तराशने की पहल

इस प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रहे हैं ‘भावना लक्जरी धूप’ के सह-संस्थापक विकास उनियाल, जिन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जिला प्रशासन द्वारा उत्पाद विकास और लघु उद्योग में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। टी-एस्टेट, बंजारावाला में आयोजित इस कार्यक्रम में सहसपुर, डोईवाला, विकासनगर, चकराता और रायपुर के स्वयं सहायता समूहों की 25 से अधिक महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल धूप और अगरबत्ती बनाना नहीं, बल्कि पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन जैसे आधुनिक कौशलों को सिखाना भी है।

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महिलाओं को मंदिरों के फूलों का उपयोग कर बांस-मुक्त अगरबत्ती और हवन सामग्री बनाने की कला सिखाई जा रही है। यह पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण न केवल उत्पाद की गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि बाजार में उनकी मांग को भी मजबूत करता है। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञ महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग और ब्रांडिंग के गुर सिखा रहे हैं, ताकि वे अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिला सकें।

चारधाम यात्रा: अवसरों का नया द्वार

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सांस्कृतिक अवसर है। जिला प्रशासन ने इस अवसर को महिलाओं की आजीविका से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया है। प्रशिक्षण के बाद, इन समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को विशेष आउटलेट्स के माध्यम से यात्रियों तक पहुंचाया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि यह पहल उन महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जो पहले से धूप-अगरबत्ती निर्माण में लगी थीं, लेकिन तकनीकी ज्ञान और विपणन के अभाव में पीछे रह गई थीं।

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इस प्रशिक्षण से महिलाएं न केवल नए तकनीकी प्रयोग सीख रही हैं, बल्कि उन्हें बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद तैयार करने का आत्मविश्वास भी मिल रहा है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रशिक्षण के बाद इन उत्पादों को विभिन्न आउटलेट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बेचने में महिलाओं को पूरा सहयोग मिले।

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम

मुख्य विकास अधिकारी ने जिला मिशन प्रबंधक इकाई को निर्देश दिए हैं कि प्रशिक्षण के परिणामों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की गुणवत्ता और विपणन की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में भी मदद करेगी।

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यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी देगा। देहरादून का यह प्रयास अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है, जहां स्थानीय संसाधनों और कौशलों का उपयोग कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

देहरादून में शुरू हुआ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का एक शानदार उदाहरण है। यह न केवल उनकी आजीविका को बेहतर बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत को भी समृद्ध करेगा। चारधाम यात्रा जैसे अवसरों का लाभ उठाकर ये महिलाएं न केवल अपने परिवारों का भविष्य संवारेंगी, बल्कि समाज में सशक्तिकरण की एक मिसाल भी कायम करेंगी।

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