Dehradun News : देहरादून के कालसी थाना क्षेत्र में वाहन चोरी की एक घटना ने स्थानीय लोगों को चौंका दिया था, लेकिन दून पुलिस की सजगता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल इस मामले का खुलासा किया, बल्कि चोर को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह घटना न सिर्फ पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक भरोसा जगाती है कि कानून का पहरा हर पल चौकस है। आइए, इस मामले की पूरी कहानी जानते हैं।
चोरी की वारदात और पुलिस का एक्शन
13 अप्रैल, 2025 को प्रगति विहार निवासी अमन सक्सेना ने थाना सेलाकुई में शिकायत दर्ज की कि उनकी स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल (UK-16-C-5139), जिसे उन्होंने लाल डांग सड़क किनारे खड़ा किया था, किसी अज्ञात व्यक्ति ने चुरा ली। इस शिकायत के आधार पर थाना कालसी में धारा 303(2) BNSS के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बिना देर किए एक विशेष टीम गठित की, जिसका मकसद था इस चोरी का पर्दाफाश करना और अभियुक्त को पकड़ना।
कैसे पकड़ा गया चोर?
पुलिस की गठित टीम ने तुरंत जांच शुरू की। सबसे पहले, घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को बारीकी से खंगाला गया। इसके साथ ही, पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया और संदिग्धों की हर संभव जानकारी जुटाई। कड़ी मेहनत और सटीक रणनीति का नतीजा यह हुआ कि कोटी रोड के पास एक संदिग्ध को पकड़ा गया। उसका नाम था प्रिंस, जो मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले का रहने वाला है और वर्तमान में देहरादून के विकास नगर में रहता है। उसके कब्जे से चोरी गई वही स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल बरामद हुई, जिसकी तलाश पुलिस को थी।
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा
जब पुलिस ने प्रिंस से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह नशे का आदी है और अपनी इस लत को पूरा करने के लिए उसने मोटरसाइकिल चुराई थी। 18 साल का यह युवक, जिसका पूरा नाम प्रिंस पुत्र लाल बाबू महतो है, अब कानून के शिकंजे में है। उसकी यह हरकत न केवल उसके लिए सबक है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी कि गलत रास्ते का अंजाम हमेशा बुरा होता है।
दून पुलिस की मेहनत को सलाम
इस मामले को सुलझाने में थाना कालसी की पुलिस टीम ने दिन-रात मेहनत की। उप-निरीक्षक नीरज कठैत के नेतृत्व में कांस्टेबल मोनू कुमार, जसवीर सिंह और जितेंद्र (एसओजी देहात) ने अपनी सूझबूझ और लगन से यह साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के हाथों से बच नहीं सकता। इस सफलता ने न सिर्फ पीड़ित अमन सक्सेना को उनका वाहन वापस दिलाया, बल्कि आम लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा भी बढ़ाया।
अपराध के खिलाफ पुलिस का संदेश
यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि छोटे-छोटे अपराध भी समाज में अशांति फैला सकते हैं। दून पुलिस की यह कार्रवाई नशे की लत और चोरी जैसे अपराधों के खिलाफ एक सख्त संदेश देती है। अगर आप भी अपने आसपास किसी संदिग्ध गतिविधि को देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। आखिर, सुरक्षित समाज हम सबकी जिम्मेदारी है।