देहरादून : देहरादून की सड़कों से लेकर बिजनौर के अंधेरे कोनों तक फैले मानव तस्करी के जाल को तोड़ने में देहरादून पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। 27 मार्च 2025 को थाना कैंट पुलिस ने 5 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त राहुल को धर दबोचा, जो दो साल के मासूम बच्चे के अपहरण और बिक्री के जघन्य अपराध का मास्टरमाइंड था। यह वही शख्स है, जो पिछले कई महीनों से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार चल रहा था। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी जानते हैं, जो हर माता-पिता के लिए एक सबक और पुलिस की मुस्तैदी का सबूत है।
मासूम की जिंदगी से खिलवाड़: कैसे शुरू हुई यह खौफनाक साजिश
यह दिल दहला देने वाली घटना 2 जनवरी 2025 की है, जब यमुना कॉलोनी में रहने वाली रीना ने थाना कैंट में अपने दो मासूम बच्चों—5 साल के आकाश और 2 साल के विकास—के अपहरण की शिकायत दर्ज की। रीना का आरोप था कि उसका फुफेरा भाई राकेश उसे और बच्चों को बहला-फुसलाकर बिजनौर ले गया।
वहां राकेश ने अपने साथी राहुल और उसकी बेटी तानिया के साथ मिलकर छोटे बेटे विकास को धामपुर में प्रियंका और सैंटी नाम के लोगों को 2 लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस में शिकायत की भनक लगते ही अपराधियों ने डर से बड़े बेटे आकाश को उसके घर के पास छोड़ दिया, लेकिन विकास का पता नहीं चला। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी।
पुलिस की चुस्ती: चार अभियुक्त पहले ही सलाखों के पीछे
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच में सामने आया कि इस अपराध में राकेश, तानिया, प्रियंका और सैंटी शामिल थे, जिन्हें अमरोहा और धामपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पूछताछ में राहुल का नाम उजागर हुआ, जो इस पूरे खेल का असली किंगपिन था।
लेकिन राहुल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसकी तलाश में पुलिस ने दिन-रात एक कर दिए, हर संभावित ठिकाने पर दबिश दी, लेकिन वह बार-बार अपनी लोकेशन बदलकर बचता रहा। आखिरकार, एसएसपी देहरादून ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 5 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
अभियान का नतीजा: राहुल आखिर पकड़ा गया
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चल रहे विशेष अभियान के तहत थाना कैंट की टीम ने राहुल को पकड़ने के लिए कमर कस ली। सुराग जुटाने से लेकर सर्विलांस तक, हर तकनीक का इस्तेमाल किया गया। महीनों की मेहनत रंग लाई और 27 मार्च 2025 को राहुल को कैंट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। 31 साल का यह अभियुक्त मुरादाबाद के भोजपुर का रहने वाला है और अब अपने किए की सजा भुगतने को तैयार है। इस ऑपरेशन में सब-इंस्पेक्टर विनयता चौहान, कांस्टेबल अवनीश और अजय की टीम ने अहम भूमिका निभाई।
यह गिरफ्तारी न सिर्फ पुलिस की मेहनत का सबूत है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि अपराध कितना भी बड़ा हो, कानून के हाथ उस तक पहुंच ही जाते हैं। माता-पिता के लिए यह एक चेतावनी भी है कि अपने बच्चों पर नजर रखें और अनजान लोगों पर भरोसा करने से पहले सौ बार सोचें। देहरादून पुलिस की इस कामयाबी से लोगों का भरोसा कानून व्यवस्था पर और मजबूत हुआ है।