---Advertisement---

Ambedkar Jayanti 2025 : अंबेडकर पार्क में उमड़ा जनसैलाब! भारत रत्न को श्रद्धांजलि देने पहुंची व्यापार मंडल की टीम

---Advertisement---


Ambedkar Jayanti 2025 : 14 अप्रैल, 2025 को देहरादून की सड़कों पर एक खास माहौल था। घंटाघर के पास अंबेडकर पार्क में दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोंन के नेतृत्व में व्यापारियों ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ उनके योगदान को याद किया गया। यह दिन न केवल उनकी जयंती का उत्सव था, बल्कि उनके विचारों और संविधान की ताकत को फिर से जीने का अवसर भी था। आइए, इस खास मौके की कहानी को और करीब से जानें।

संविधान के शिल्पी को नमन

सुबह की हल्की धूप में अंबेडकर पार्क में व्यापारी समुदाय एकत्र हुआ। पंकज मैसोंन ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन और उनका काम हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब ने जिस तरह समाज के हर वर्ग को एकसाथ जोड़कर संविधान में समानता का अधिकार दिया, वह दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। मैसोंन की आवाज में गर्व था जब उन्होंने कहा, “बाबा साहेब की यादें हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी। उनका संदेश हमें एकजुटता और न्याय के लिए प्रेरित करता है।” यह पल सभी के लिए भावुक और गर्व भरा था।

See also  Dehradun Crime : युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, STF के शिकंजे में आया फर्जी आर्मी अफसर

समाज सुधार और शिक्षा का प्रतीक

डॉ. अंबेडकर सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि समाज सुधारक, शिक्षाविद और दूरदर्शी विचारक थे। व्यापारियों ने उनके उन प्रयासों को याद किया, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने का काम किया। पंकज मैसोंन ने इस बात पर जोर दिया कि बाबा साहेब ने शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना और समाज को जागरूक करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। व्यापारी समुदाय ने उनके इस संदेश को दोहराते हुए युवाओं से शिक्षा और समानता के लिए काम करने की अपील की।

एकजुटता का प्रतीक बना यह आयोजन

इस अवसर पर दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के कई प्रमुख लोग मौजूद थे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेखर फुलारा, उपाध्यक्ष हरीश विरमानी, संगठन सलाहकार रोहित बहल और प्रवक्ता हरमीत जैसवाल ने भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी। मच्छी बाजार के संयोजक दीपू नागपाल, युवा उपाध्यक्ष मनीष फुलारा, युवा महामंत्री दिव्य सेठी और युवा सचिव शुभम गुलाटी के साथ कई अन्य व्यापारी भी इस पल के साक्षी बने। यह आयोजन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि व्यापारी समुदाय की एकजुटता और बाबा साहेब के प्रति उनके सम्मान का प्रतीक था।

See also  Uttarakhand : हरिद्वार में प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई, सील हुए अवैध मदरसे!

बाबा साहेब का संदेश आज भी प्रासंगिक

आज के समय में, जब समाज में एकता और समानता की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है, बाबा साहेब का संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है। देहरादून के व्यापारियों ने न केवल उनकी जयंती मनाई, बल्कि उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प भी लिया। यह आयोजन एक बार फिर याद दिलाता है कि बाबा साहेब का सपना एक ऐसे भारत का था, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और समान अवसर मिले।
क्यों खास है यह दिन?
14 अप्रैल का दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम पन्ना है। देहरादून के व्यापारियों का यह छोटा सा प्रयास बाबा साहेब के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को दर्शाता है। उनके द्वारा बनाए गए संविधान की ताकत आज भी हमें एकजुट रखती है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलें और समाज में बदलाव लाने का प्रयास करें।

See also  Dehradun News ।। जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं की भागीदारी जरूरी : सीएस रतूड़ी

Join WhatsApp

Join Now
---Advertisement---

Leave a Comment