याकुल्ट डैनोन इंडिया ने याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर प्रस्तुत करने के साथ अपने उत्पादों के पोर्टफोलियो का विस्तार किया
देहरादून- दुनिया के जाने-माने प्रोबायोटिक ब्रांड याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आज यह ऐलान किया है कि वह 25 जुलाई 2024 को एक नई क़िस्म – याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर पेश करके अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का और बढ़ा रही है। इस पेशकश के कार्यक्रम में बॉलीवुड स्टार सान्या मल्होत्रा, मंत्री और भारत में जापान के दूतावास के मिशन के उप-प्रमुख श्री ताकाशी आरियोशी, याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर ईजी अमानो और याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की विज्ञान और नियामक मामलों की प्रमुख डॉ. नीरजा हजेला मौजूद थीं। याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर जाने-माने याकुल्ट के जैसा ही एक प्रोडक्ट है।
इस नए प्रोडक्ट में असली और पहले वाले याकुल्ट के समान वही अपने जैसा एक प्रोबायोटिक, 650 करोड़ लैक्टोबैसिलस कैसी शिरोटा (शिरोटा स्ट्रेन) उपलब्ध है। असली प्रोबायोटिक ड्रिंक का आविष्कार डॉ. मिनोरू शिरोटा नामक एक जापानी डॉक्टर ने किया था और इसे इंसानों के अच्छे माने जाने वाले बैक्टीरिया का सेवन करने के लिए तैयार किया गया था, जिसमें हमारी आँत तक ज़िंदा पहुँचने और सेहत के लिए जबरदस्त फ़ायदा पहुँचाने की ताक़त थी। 1900 के दशक की शुरुआत में जापान में साफ़-सफ़ाई की कमी और गरीबी के चलते बच्चों की इन्फेक्शन की वजह से होने वाली मौतों से दुखी होकर, उन्होंने बीमारियों और इन्फेक्शनों को होने के बाद ठीक करने के बजाय प्रोबायोटिक्स की शक्ति से बीमारियों को रोकने पर ज़ोर दिया।
उन्होंने बाज़ार में खाने की चीज़ के रूप में शिरोटा स्ट्रेन को पेश करके अपने सपने को साकार किया ताकि अधिक से अधिक लोग इसके बढ़िया स्वाद का मज़ा लेते हुए प्रोबायोटिक जीवाणु का फ़ायदा उठा सकें। 90 से अधिक सालों के रिसर्च के ज़रिए, शिरोटा स्ट्रेन को रोज़ाना लेने पर पाचन बेहतर होता है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त बढ़ाने में मदद करने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा इसे सिद्ध पाया गया है। डॉ. शिरोटा के सिद्धांत के आधार पर, भारत में याकुल्ट कंपनी ने भारत के और भी ज़्यादा लोगों की सेहत में योगदान देने के लिए देश के पसंदीदा फल के स्वाद में इस प्रोडक्ट, याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर को पेश किया है।
याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर की रिटेल कीमत 5 बोतलों के पैक के लिए 100 रुपये है, जो 25 जुलाई 2024 से 28 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में रिटेल दुकानों पर मिलेगा। साथ ही, याकुल्ट का एक अनूठा होम डिलीवरी सेल्स चैनल है, जिसमें तक़रीबन 300 ‘याकुल्ट लेडीज़’ दिल्ली एन.सी.आर., चंडीगढ़, जयपुर, मुंबई और पुणे में ग्राहकों के घरों तक याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर सहित इस प्रोडक्ट को पहुँचाती हैं, जो कि ई-कॉमर्स के ज़रिए भी उपलब्ध हैं। याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर की पेशकश के बारे में बोलते हुए, याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री इजी अमानो ने कहा, “याकुल्ट में, हमारा मुख्य सिद्धांत अपने अनूठे प्रोबायोटिक स्ट्रेन “लैक्टोबैसिलस कैसी शिरोटा स्ट्रेन” का उपयोग करके दुनिया भर के ग्राहकों के पेट की सेहत को बेहतर बनाना है।
भारत में हर रोज़ याकुल्ट की 2 लाख से अधिक बोतलों की खपत के साथ, हम घर-घर का नाम बन गए हैं, जिसका मज़ा कई परिवार अपने रोज़मर्रा के नियम के तौर पर लेते हैं। याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर को पेश किए जाने के साथ, हम भारत के ग्राहकों के स्वाद और पसंद को पूरा करने के लिए अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ा रहे हैं। यह नई क़िस्म हमारे क्लासिक याकुल्ट जैसे ही सभी के द्वारा पसंद किए जाने वाले आम के मज़ेदार स्वाद को पेश क सेहत को फ़ाय को बनाए रखती है। हमारा मानना है कि यह नया प्रोडक्ट हमारे उन ग्राहकों को पसंद आयेगा जो आम के स्वाद बेहद पसंद हैं।”
इस पेशकश के मौके पर सभी की निग़ाहें बॉलीवुड अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा पर टिकी हुई थीं, जिन्होंने कहा, “मैं इस रोमांचक पेशकश का हिस्सा बनकर बेहद ख़ुश हूँ। बेवक़्त वाले लाइफस्टाइल, खराब खाना-पीना, तनाव, भरपूर नींद की कमी, प्रदूषण और आम तौर पर आँतों की खराब सेहत के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का बढ़ना बहुत चिंता की बात है। मैं अपने पेट को ठीक-ठाक रखने के लिए प्रोबायोटिक्स की अपनी रोज़मर्रा की खुराक लेती हूँ और याकुल्ट लंबे समय से मेरे खाने का एक ज़रूरी हिस्सा रहा है। आज, मुझे खुशी है कि कंपनी ने याकुल्ट लाइट मैंगो फ्लेवर पेश किया है, जो स्वादिष्ट और ताज़ा है।
मुझे यकीन है कि यह उन सभी लोगों को ज़रूर पसंद आयेगा जो लोग आम और याकुल्ट को बेहद पसंद करते हैं।” डॉ. नीरजा हजेला, प्रमुख – विज्ञान और विनियामक मामले, याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि लैक्टोबैसिलस कैसी स्ट्रेन शिरोटा (शिरोटा स्ट्रेन) याकुल्ट की एक अनूठी ख़ासियत है, और भारत सहित दुनिया भर इंसानों पर किए गए 100 से अधिक रिसर्चों पर आधारित है। प्रोबायोटिक्स ज़रूरी होते हैं क्योंकि वे आँत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाते हैं और नुकसानदायक बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करते हैं। ऐसा करके, वे खाने का बेहतर तरीके से पचने, पोषक तत्वों के सही तरीके से शरीर में समाने और इन्फेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए बीमारियों से जूझने की बेहतर शक्ति को सुनिश्चित करते हैं।
आँत में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया की कमी, खराब लाइफस्टाइल के साथ मिलकर, आँत के खराब स्वास्थ्य और बीमारियों से लड़ने की कम शक्ति का कारण बन सकती है, जो थकान, ठीक से बड़ा ना हो पाना और विकसित ना होना, कुपोषण और बार-बार होने वाले इन्फेक्शन के रूप में सामने आती है। आँत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, वैज्ञानिकों की ओर से मान्यता प्राप्त प्रोबायोटिक प्रॉडक्ट्स के माध्यम से रोज़मर्रा के खाने-पीने में प्रोबायोटिक्स को शामिल करना ज़रूरी होता है।