Fastest news from Uttarakhand

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नोएडा में रीढ़ के टेढ़ापन का सफल इलाज -एडवांस तकनीक से की गई सर्जरी

देहरादून। नोएडा के सेक्टर 110 स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में रीढ़ के टेढ़ेपन (स्कोलियोसिस) से जुड़ा एक जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। इस केस को कामयाब बनाने में एडवांस तकनीक और डॉक्टरों की विशेषज्ञता ने अहम रोल निभाया। इसे के बारे में लोगों को बताने के लिए एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया।

यथार्थ अस्पताल में स्पाइन एंड स्कोलियोसिस प्रोग्राम के हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर प्रांकुल सिंघल ने स्कोलियोसिस से पीड़ित कम उम्र के दो बच्चों के जटिल केस के बारे में बताया, जिनका सफल इलाज किया गया। रीढ़ को लेकर ये मिथक भी रहते हैं कि उसकी समस्याओं का इलाज नहीं किया जा सकता है और इसकी सर्जरी से बचना चाहिए। डॉक्टर ने इस तरह की धारणाओं को दूर करते हुए कहा कि स्कोलियोसिस या रीढ़ की समस्याएं इलाज योग्य हैं।

यथार्थ में सफल इलाज पाने वाले ये केस शानदार इलाज और बेहतर तकनीक के जरिए रीढ़ की गंभीर समस्याओं को ठीक करने की अस्पताल की प्रतिबद्धता दिखाते हैं। देश में ऐसे कम ही अस्पताल हैं जहां इस तरह के मुश्किल मामलों में सफलतापूर्वक ट्रीटमेंट दिया जाता है।

केस के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर प्रांकुल ने कहा कि 13 साल की लड़की की रीढ़ में 36 डिग्री का घुमाव था और साथ ही स्कैपुलर हंप (कंधे के पीछे निकला हुआ हिस्सा) की भी समस्या थी। पोस्चर फ्यूजन और हंप को सुधारते हुए लड़की का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। सिर्फ 3 घंटे चली इस सर्जरी में न केवल रीढ़ की हड्डी की समस्या को ठीक किया, बल्कि हंप की परेशानी को भी सुधारा गया। सर्जरी के 7 दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया, जो बेहतर इलाज और तेज रिकवरी के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

एक अन्य मामला 14 साल के लड़के का है। इस लड़के की रीढ़ में 90 डिग्री तक टेढ़ापन था, साथ ही कंधा भी पूरी तरह के मुड़ा हुआ था, कंधे का हंप भी ठीक नहीं था। यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कुशल मेडिकल टीम के नेतृत्व में रीढ़ का टेढ़ापन ठीक किया गया, कंधे का रोटेशन सुधारा गया और हंप भी को भी सुधारा गया। पहले मरीज की तरह ही इस लड़के को भी सर्जरी के 7 दिन बाद बिना किसी परेशानी और फास्ट रिकवरी के साथ डिस्चार्ज किया गया।

डॉक्टर प्रांकुल ने आगे कहा कि एडोलसेंट इडियोपैथिक स्कोलियोसिस (एआईएस) यानी बच्चों की रीढ़ में टेढ़ेपन के मामले अपेक्षाकृत एक सामान्य स्थिति होती है जिसका अच्छी तरह से इलाज किया जा सकता है। इन मामलों के सफल परिणाम रीढ़ की हड्डी और स्केलेटल बैलेंस को बहाल करने की अस्पताल की क्षमता को भी दिखाता है। इससे मरीज के जीवन के फंक्शनल और सामाजिक पहलुओं में काफी सुधार होता है और जीवन को कमजोर करने वाले खतरे कम होते हैं।

डॉक्टर प्रांकुल सिंघल, यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अपनी विशेषज्ञ मेडिकल टीम और अत्याधुनिक मॉडर्न उपकरणों व तकनीक के साथ, यह सुनिश्चित करते हैं कि एआईएस मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मिले। अस्पताल में एडवांस ट्रीटमेंट मेथड के जरिए एआईएस के प्रभावित चुनौतीपूर्ण मामलों में बेहतर इलाज दिया जाता है, जो मरीजों के प्रति अस्पताल के सेवाभाव के समर्पण को दिखाता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.