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जानिए दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की सटीक जानकारी

जानिए दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की सटीक जानकारी, महालक्ष्मी पर्व पर इस मंत्र का करें जाप बरसेगा धन

शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा!
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते!!

सभी सनातनीय पाठकों धर्मावलंबियों को सादर प्रणाम। सभी को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। अवगत कराना चाहूंगी दिनांक 12 नवम्बर 2023 दिन रविवार को महालक्ष्मी, दीपोत्सव का पर्व मनाया जाएगा।

प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है।

इस वर्ष दीपावली पर कुछ दुर्लभ संयोग बन रहे है जो कि सभी राशि के जातकों को अत्यंत शुभ फल प्रदान करेंगे–

दीपोत्सव पर्व पर स्वाति नक्षत्र जो की अत्यंत ही शुभ माना जाता है, तुला राशि में चंद्रमा मंगल की युति से महालक्ष्मी योग बन रहा है इसके अतिरिक्त दीपोत्सव पर आयुष्मान योग, सौभाग्य योग तथा शनि देव अपनी स्व राशि कुंभ में बैठकर धन-धान्य में वृद्धि करेंगे।

आध्यात्मिक रूप से दीपावली पर्व अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।

धार्मिक मान्यतानुसार दीपावली पर्व मनाने का मुख्य कारण यह है कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को भगवान श्री राम चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण कर पुनः अपनी नगरी अयोध्या लौटे थे।अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा श्री राम के स्वागत हेतु अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक माह की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दियों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी (त्रेता युग) से प्रतिवर्ष हिंदू धर्म में दीपावली पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ दिनांक 12 नवंबर 2023 अपराह्न 2:46 से 13 नवंबर 2023 अपराह्न 2:58 तक।
भविष्य पुराण के अनुसार –

कार्तिक प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके।
तस्यां सम्पूज्येत देवीं भोग मोक्ष प्रदायिनीम।।

ज्योतिष शास्त्र एवं धर्मानुसार दीपावली पर पर्व प्रदोष काल और महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में मनाया जाता है महालक्ष्मी पूजन पर्व में प्रदोष काल का विशेष महत्व होता है

श्री महालक्ष्मी पूजा मुहूर्त 12 नवम्बर 2023 प्रदोष काल एवं वृषभ काल में सायं–शुभ चौघड़िया 5:16 से 6:57 तक।

अमृत चौघड़िया मुहूर्त रहेगा 6:57 से रात्रि 8:36 तक। चर चौघड़िया मुहूर्त रात्रि 8:36 से रात्रि 10:15 तक। महानिशा काल पूजा मुहूर्त रहेगा रात्रि 11:31 से 12:25 तक। सिंह काल पूजा मुहूर्त मध्य रात्रि 12:06 से 3:25 तक।

दीप संख्या व स्थान

दीपावली पर्व पर नौ (9) या तेरह(13) दीपक जलाना शुभ माना जाता है इसके अतिरिक्त एक दीपक गाय के घी का जिसकी चार बत्तियां हो मंदिर में पूर्ण रात्रि (अखण्ड ज्योति) जलना शुभ माना जाता है।

प्रथम दीपक मंदिर में दूसरा दीपक रसोई घर में व तीसरा दीपक तुलसी पर प्रज्वलित करें। तदोपरांत बचे हुए दीपक संपूर्ण घर में प्रज्वलित करें। एक दीपक पितरों को समर्पित करें, दो मुख्य द्वार पर ,एक दीपक नल के समीप रखें ,बेल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से महादेव प्रसन्न होते हैं।

पूजा विधि

दीपावली पर्व पर श्री गणेश व देवी लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है। दीपावली पर्व पर सफाई का विशेष ध्यान रखें नित्य कर्म से निवृत्त होकर पूरे घर को पूजा स्थल को स्वच्छ करें। दीप प्रज्ज्वलित करें। चौकी पर लाल रंग का आसन बिछा कर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की स्थापना करें।

ऊं अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: शुचि:।

मंत्र का जाप करते हुए तीन बार गंगा जल से छिड़क कर पूजा स्थल को शुद्ध करें। पूजन का संकल्प लेते हुए भगवान गणेश और कलश की पूजा करें। हाथ में फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें। देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करें। दोनों को वस्त्र , रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, पंचामृत, पंच मेवा, पंच मिठाई , कमल पुष्प, खीले, बतासे अर्पित करें। घी की अखण्ड ज्योति प्रातः काल से ही प्रज्वलित करें। देवी लक्ष्मी के आठों रूपों का इन मंत्रों के साथ आवाह्न करें–

पूर्व दिशा से प्रारंभ कर घड़ी की सुई की दिशा के क्रम से आठों दिशाओं में पूजन करें –

पूर्व दिशा में :- ‘ॐ आद्यलक्ष्म्यै नमः’

आग्नेय कोण में :- ‘ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः’

दक्षिण दिशा में :- ‘ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः’

नैऋत्य कोण में :- ‘ॐ अमृतलक्ष्म्यै नमः’

पश्चिम दिशा में :- ‘ॐ कामलक्ष्म्यै नमः’

वायव्य कोण में :- ‘ॐ सत्यलक्ष्म्यै नमः’

उत्तर दिशा में :- ‘ॐ भोगलक्ष्म्यै नमः’

ईशान कोण में :- ‘ॐ योगलक्ष्म्यै नमः’।।

घर में सोना ,चांदी, आभूषण, द्रव्य आदि देवी लक्ष्मी के समक्ष अर्पित करें। इन मंत्रों से देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करें–

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

देवी लक्ष्मी के सूक्त मंत्र का पाठ कर सकते हैं। घी के दीपक से आरती करें। पूरे घर पर खीले का छिड़काव करें।

देवी लक्ष्मी आप सभी के घरों में प्रसन्नता, धन-धान्य, संपदा, आरोग्य प्रदान करें। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।

ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी
मो :– 8395806256

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