ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देना मनुष्य के पतन का कारण: मनकामेश्वर गिरी
हरिद्वार। सृष्टि का संचालन ईश्वर के हाथों में है और ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता। अज्ञानता के वशीभूत मानव बार -बार गलती को दोहराते हुए ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देते हुए स्वयं को सर्वशक्तिमान साबित करने पर तुला है। यही मानव के पतन का मुख्य कारण है। उक्त विचार श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी महाराज ने गणपति महोत्सव में आयोजित पूजन के दौरान व्यक्त किए।
श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे गणपति महोत्सव के नवें दिन बुधवार 27 सितंबर को मुख्य यजमान प्रद्युम्न सिंह-उमा सिंह, अमित अग्रवाल -रूचि अग्रवाल-शिवांश अग्रवाल , विकी गैरा -गीतांजलि गैरा, पवन राजपूत -पूनम राजपूत -लावणी राजपूत पूजा में शामिल हुए। पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी, पं सोहन चंद्र डोंढियाल, पं अंकित कुमार, गोली बाबा, दिनेश कुमार, अंकुर बिष्ट ने पूजन संपन्न कराने में सहयोग प्रदान किया। इस मौके पर बाबा कामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति के लोगों में श्रद्धा- विश्वास एवं आस्था होनी चाहिए।
ऐसा होने पर मनुष्य के मन -मस्तिष्क में आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है और उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है। वहीं नास्तिक व्यक्ति के मन में नकारात्मक उर्जा का वास होता है। जों पतन का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
गुरुवार 28 सितंबर को प्रतिमा विसर्जन के साथ गणपति महोत्सव का समापन होगा।