33 साल बाद बाद चुनावी राजनीति से बाहर हुए रमेश पोखरियाल निशंक
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी-बीजेपी ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के टिकट काटकर बड़ा झटका दे दिया है। हरिद्वार से डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जबकि गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत का टिकट काटा गया है। विदित है कि डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पिछले 33 सालों से लगातार चुनावी राजनीति में सक्रिय थे।
लेकिन दो बार हरिद्वार का सांसद रहने के बाद इस बार निशंक का टिकट काटा गया है। निशंक दो बार सांसद रहने के अलावा राज्य के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विधायक भी रह चुके हैं। लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाए हरिद्वार से नए चेहरे को मौका दिया है।
निशंक का राजनैतिक कैरियर 1991 में कर्णप्रयाग से विधायक का चुनाव जीतकर हुआ था। लेकिन हरिद्वार से टिकट कटने से फिलहाल उस पर ब्रेक लग गया है।
दो दिग्गजों की जंग में उलझे तीरथ
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस बार गढवाल में भाजपा के दो दिग्गजों के बीच उलझकर रह गए। गढ़वाल सीट पर उनके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी भी दावेदारी कर रहे थे। केंद्र में इन दोनों ही नेताओं की मजबूत पैरवी की वजह से तीरथ पिछड़ गए और आखिरकार उनका टिकट कट गया।
बयानों की वजह से विवादों में आए थे तीरथ
तीरथ सिंह रावत को भाजपा ने 2021 में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री भी बनाया था। लेकिन इस दौरान वह अपने बयानों की वजह से विवादों में आ गए। इस वजह से केवल छह महीने के कार्यकाल के बाद ही पार्टी को उन्हें पद से हटाना पड़ा था। तभी से तीरथ का टिकट काटे जाने की चर्चाएं चल रही थी। जिस पर अब पार्टी हाई कमान ने मुहर लगा दी है।
बदलाव की वजह से अटकी थी सीट
भाजपा ने राज्य की तीन लोकसभा सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। लेकिन गढ़वाल और हरिद्वार सीट को होल्ड पर रख दिया गया था। माना जा रहा था कि पार्टी ने इन दोनों ही सीटों को बदलाव के लिए रोका है और अब नए प्रत्याशी घोषित कर इस पर मुहर लग गई है। पार्टी ने इन दोनों सीटों पर पार्लियामेंट्री बोर्ड की पिछली बैठक में चर्चा की थी।