महिला सुरक्षा मामलों में अपनी सरकारों के लिए भी यही तेवर बरकरार रखें भाजपा प्रवक्ता : गरिमा दसौनी
देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता द्वारा उत्तराखंड भाजपा मुख्यालय में कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर के रेप और हत्याकांड पर की गई प्रेस वार्ता पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने पलटवार किया है। दसौनी ने कहा कि आज कोलकाता में ममता बनर्जी की सरकार है और वहां महिला सुरक्षा में चूक हुई है तो उस पर सवाल करना बिल्कुल वाजिब है परंतु भाजपा के यही राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता जहां उनकी खुद की सरकार है
उन प्रदेशों में महिलाओं के साथ हो रहे जघन्य अपराधों, गैंग रेप और निर्मम हत्याओं पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हुए चुप्पी साध लेते हैं जो की बहुत ही निंदनीय है। दसौनी ने कहा कि कोलकाता की ही तर्ज पर बीते रोज उधम सिंह नगर में एक महिला नर्स के साथ दुष्कर्म और हत्या करके उसका शव जंगल में फेंक दिया गया उस पर भी काश भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शोक प्रकट करते, हरिद्वार के बहादराबाद में 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ भाजपा के ओबीसी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी ने गैंग रेप कर निर्मम हत्या कर दी भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता को उस पर भी संवेदनाओं के दो शब्द बोलने चाहिए थे।
गरिमा ने भाजपा को याद दिलाते हुए कहा की हाथरस, उन्नाव ,कठुआ, कर्नाटक के प्रज्वल रवन्ना के कुकर्म और उत्तराखंड में अंकिता भंडारी के साथ जो कुछ भी हुआ उसमें भी मुख्य आरोपी भारतीय जनता पार्टी के नेता और उसके पुत्र पर प्रवक्ताओं की चुप्पी क्या बतलाती है? दसौनी ने कहा कि हाथरस में तो रात की अंधेरे में 3:00 बजे पीड़िता की लाश को बिना उसके माता-पिता को बताएं दाह संस्कार कर दिया गया तब यह प्रवक्ता कहां थे ?
दसौनी ने कहा की अंकिtar भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड की जनता सीबीआई जांच की मांग करती रही लेकिन उत्तराखंड सरकार ने कोई पहल नहीं दिखाई और आज कोलकाता कांड में 3 दिन के अंदर ही सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी गई है। गरिमा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड को 2 साल होने को है लेकिन वीआईपी कौन था जिसे अंकिता को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए मजबूर किया जा रहा था और न देने पर हत्या कर दी गई उस वीआईपी के नाम का खुलासा आज तक नहीं हुआ?
यमकेश्वर की भाजपा विधायक जिसने रात के अंधेरे में वनंतरा रिजॉर्ट से साक्ष्य और सबूत मिटाने के लिए बुलडोजर चलवा दिया वह आज भी अपने पद पर बनी हुई है और खुला घूम रही है? दसौनी ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है इस पर विमर्श होना ही चाहिए परंतु यह विमर्श दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होना चाहिए, आरोप प्रत्यारोप या एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछालने से बेहतर पीड़िता को न्याय दिलाना और ऐसे विकृत मानसिकता के अपराधियों को सख्त से सख्त सजा की मांग करना ही समाज का दायित्व होना चाहिए।
दसौनी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अपने सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर, हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह सैनी, पूर्व सांसद चिन्मयानंद,भाजपा नेता कन्हैया लाल मिश्रा, भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र पुलकीत आर्य, बी एच यू यौन उत्पीड़न कांड के अपराधी भाजपा आईटी सेल के सक्षम पटेल, भाजपा नेता पदमाराजन, रामदुलार गौर, रमेश जर्किहोली, कुलदीप सिंह सेंगर पर तो भाजपा प्रवक्ताओं के लिए तेवर कहीं दिखाई नहीं दिए और आज यह सब बरसाती मेंढको की तरह अपने बिलों से बाहर निकल आए हैं। गरिमा ने कहा कि महिला सुरक्षा का मुद्दा एक बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है यह कोई फुटबॉल की गेंद नहीं जिसे विपक्षियों के पाले में डालकर भारतीय जनता पार्टी अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ ले।