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मेटा लामा द्वारा संचालित एडवांस्ड एआई साल्यूशन के रूप में स्किल इंडिया असिस्टेंट की शुरुआत से अब कौशल होगा अधिक सुलभ, प्रभावी और समावेशी

देहरादून। दावोस में चल रहे वर्ल्ड ईकोनोमिक फोरम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और मेटा के बीच मौजूदा साझेदारी को मजबूत करते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने मेटा के ग्लोबल फोरम के प्रेसिडेन्ट निक क्लेग से मुलाकात की। इस मुलाकात में भारत को कौशल विकास और डिजिटल ट्रान्सफॉर्मेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए अग्रणी टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस मुलाकात में हुई चर्चा जिन प्रमुख उद्देश्यों पर केन्द्रित थी, उनमें स्किल इंडिया असिस्टेंट (एसआईए) को विकसित करना शामिल है, जो मेटा के ओपन-सोर्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल, लामा द्वारा संचालित एक एडवांस्ड एआई सॉल्यूशन है

जिसे स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस असिस्टेन्ट का उद्देश्य स्किल इंडिया ईकोसिस्टम में लाखों भारतीय युवाओं को मल्टीमॉडल इंटरैक्शन मेथड के माध्यम से स्किलिंग कोर्स, ट्रेनिंग रिसोर्स और कैरियर डेवलपमेन्ट के अवसरों पर व्यक्तिगत लर्निंग प्रदान करना है। इस बैठक में भारत के खुद को दुनिया की स्किल कैपिटल के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने और कौशल निर्माण पहलों में इनोवेशन, इन्क्लूसिविटी और स्केलेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए लामा जैसे ओपन-सोर्स एआई सॉल्यूशन की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाने पर भी जोर दिया गया। एसआईए का बीटा वर्ज़न अब पूरा हो चुका है और वर्तमान में यह कड़ी टेस्टिंग और फीडबैक कलेक्शन से गुजर रहा है। पब्लिक वर्ज़न फरवरी 2025 में लाइव होने की उम्मीद है।

जयन्त चौधरी ने एक परिवर्तनकारी भविष्य की कल्पना करते हुए कहा भारत ग्लोबल स्किलिंग रिवोल्यूशन की अगली कतार में खड़ा है, जो इनोवेशन को अपनाने और कौशल को विकसित करने और उपयोग करने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है। मेटा की टेक्नोलॉजी, जैसे कि लामा संचालित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशन, स्किल इंडिया असिस्टेंट (एसआईए) के साथ, हम अपने युवाओं के लिए डिजिटल युग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अभूतपूर्व अवसर खोल रहे हैं। ये इनोवेशन तकनीकी प्रगति से कहीं अधिक दर्शाते हैं कि वे ग्लोबल स्तर पर सफल होने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को टूल प्रदान करने की साहसिक प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। एआई की क्षमता का लाभ उठा करके, भारत के पास न केवल ग्लोबल स्किल कैपिटल बनने का अवसर है,

बल्कि दुनिया के लिए समावेशी विकास और इनोवेशन का एक प्रतीक भी है। मेटा में भारत के वाइस प्रेसिडेन्ट शिवनाथ ठुकराल ने कहा मेटा को कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के साथ साझेदारी करके एक ऐसे भविष्य को आकार देने का गौरव प्राप्त हुआ है, जहाँ टेक्नोलॉजी और मानव क्षमता का संगम होता है। एआई-संचालित स्किल इंडिया असिस्टेंट (एसआईए) जैसी पहलों के साथ, हमारा लक्ष्य भारत के युवाओं और उद्यमियों को ग्लोबल डिजिटल इकोनॉमी में नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाना है। अग्रणी टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता हमें ऐसे प्रभावी, समावेशी और परिवर्तनकारी सॉल्यूशन बनाने में सहयोग करने के लिए प्रेरित करती है जो न केवल लोगों को बेहतर कौशल प्रदान करते हैं बल्कि इनोवेशन और विकास के लिए एक वैश्विक मानक भी स्थापित करते हैं।

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