एनजीओ स्माइल ट्रेन और उत्तराखंड सरकार की कटे होंठ और तालु के साथ पैदा हुए बच्चों की जांच और श्रेष्ठ उपचार के लिए साझेदारी
देहरादून। भारत में हर साल लगभग 35,000 बच्चे कटे होंठ और/या तालू के साथ पैदा होते हैं, और सैकड़ों हजारों बच्चे जिनका इलाज नहीं हो पाता, वे अलगाव में रहते हैं और खाने, सांस लेने, सुनने और बोलने में कठिनाइयों का सामना करते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी कटे होंठ और तालू पर केंद्रित संस्था स्माइल ट्रेन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी राज्य में कटे होंठ और तालू के साथ पैदा हुए बच्चों की जांच और श्रेष्ठ उपचार को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करेगी। इस साझेदारी के तहत, स्माइल ट्रेन और आरबीएसके एक साथ मिलकर आरबीएसके कार्यक्रमों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य स्क्रीनिंग प्रयासों के माध्यम से कटे होंठ और तालू की स्क्रीनिंग के लिए काम करेंगे।
आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम जैसी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे कटे होंठ और तालू के मामलों की पहचान कर सकें और उन्हें उत्तराखंड में स्माइल ट्रेन के पार्टनर अस्पतालों में भेज सकें, जहां बच्चों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके अलावा, इस पहल के माध्यम से समुदाय में कटे होंठ और तालू के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी। साझेदारी पर विचार व्यक्त करते हुए ,रेनू मेहता, स्माइल ट्रेन की एरीया डाइरेक्टर-साउथ एशिया ने कहा, पिछले 25 वर्षों से, स्माइल ट्रेन इंडिया ने कटे होंठ और तालू के मुफ्त इलाज में सहयोग प्रदान कर और प्रशिक्षण एवं रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से स्थानीय स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त बनाकर बच्चों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाया है। हमने भारत में 750,000 से अधिक सर्जरी में सहयोग प्रदान किया है, जिनमें से 14,000 से अधिक सर्जरी उत्तराखंड में की गई हैं। आरबीएसके के साथ यह साझेदारी राज्य भर में कटे होंठ और तालू के इलाज की सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,
ताकि हर जरूरतमंद बच्चे को समय पर मुफ्त, और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके। डॉ. स्वाति भदौरिया, आईएएस, मिशन डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड ने कहा, स्माइल ट्रेन इंडिया के साथ हमारी साझेदारी उत्तराखंड के बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रारंभिक पहचान और रेफरल सिस्टम को मजबूत करके, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जरूरतमंद बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली कटे होंठ और तालू की देखभाल मुफ्त में मिले, जो वे अन्यथा वहन नहीं कर सकते। यह सहयोग परिवारों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा और बच्चों को खुशहाल, स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरी जिंदगी जीने के लिए सशक्त बनाएगा। इसी भावना को व्यक्त करते हुए, डॉ. संजय द्विवेदी, देहरादून के हिमालयन हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन और स्माइल ट्रेन पार्टनर ने कहा, आरबीएसके कार्यक्रम के साथ यह साझेदारी उत्तराखंड में कटे होंठ और तालू के इलाज के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। सरकारी कार्यबल और स्माइल ट्रेन की विशेषज्ञता को मिलाकर, हम बच्चों को जीवन बदलने वाली सर्जरी का अवसर प्रदान कर सकते हैं, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ समाज में आगे बढ़ सकें और सफल जीवन जी सकें।