ट्रैफिक नियमों का पालन: एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान
उत्तराखंड- आज की आधुनिक दुनिया में यातायात का सही प्रबंधन एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। सड़क पर ट्रैफिक सिग्नल का पालन करना न केवल हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि दूसरों के जीवन की रक्षा में भी योगदान देता है। फिर भी, हम अक्सर देखते हैं कि लोग नियमों को अनदेखा करते हैं और अपनी लापरवाही से सड़क दुर्घटनाओं को न्योता देते हैं। बिल्ली देखने पर रुकना बनाम सिग्नल देखने पर रुकना भारतीय समाज में कई अंधविश्वास अब भी गहराई से जमे हुए हैं।
इनमें से एक है बिल्ली के रास्ता काटने पर रुकने का चलन। कई लोग मानते हैं कि यह अशुभ होता है, और वे तत्काल अपनी यात्रा रोक देते हैं। वहीं, ट्रैफिक सिग्नल, जो स्पष्ट रूप से हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, को अनदेखा कर दिया जाता है। यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि हम अंधविश्वासों को अधिक महत्व देते हैं, जबकि जीवनरक्षक नियमों को नज़रअंदाज कर देते हैं? ट्रैफिक नियमों का महत्व सड़क पर ट्रैफिक नियमों का पालन करना सिर्फ कानून का हिस्सा नहीं है; यह सामाजिक जिम्मेदारी है।
रेड लाइट पर रुकना, सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट लगाना और तय गति सीमा में गाड़ी चलाना ये छोटे-छोटे नियम हमारे और हमारे प्रियजनों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से अधिकांश घटनाएँ ट्रैफिक नियमों का पालन न करने के कारण होती हैं। यदि हम सजग रहें और ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें, तो इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
अंधविश्वासों से ऊपर उठने की आवश्यकता हमारी प्राथमिकता क्या होनी चाहिए—किसी काल्पनिक अशुभ घटना का डर या अपनी और दूसरों की जान की रक्षा? हमें अंधविश्वासों से ऊपर उठकर ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। यदि बिल्ली रास्ता काट दे, तो यह हमारी गाड़ी रोकने का कारण नहीं होना चाहिए। बल्कि ट्रैफिक सिग्नल का पालन करना हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। जागरूकता की आवश्यकता समाज में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार, स्कूलों और मीडिया को मिलकर प्रयास करना होगा।
सड़क सुरक्षा अभियान, सेमिनार, और पोस्टर्स जैसे साधनों का उपयोग कर लोगों को शिक्षित किया जा सकता है। निष्कर्ष ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह न केवल हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि सड़क पर अनुशासन और शांति भी बनाए रखता है। आइए, हम सभी यह संकल्प लें कि हम ट्रैफिक सिग्नल का पालन करेंगे और अंधविश्वासों को अपने जीवन से दूर करेंगे। याद रखें, जीवन अनमोल है। इसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। (इस लेख के लेखक अंकित तिवारी, शोधार्थी, अधिवक्ता एवं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि हैं।)