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उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का माध्यम है ‘साई सृजन पटल’: प्रो. सुरेखा डंगवाल

देहरादून: दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल (Vice Chancellor Prof. Surekha Dangwal) ने आज ‘साई सृजन पटल’ पत्रिका का विमोचन किया। यह पत्रिका पहले जारी किए गए न्यूज लैटर का उन्नत रूप है, जिसे चार माह पूर्व प्रारंभ किया गया था। प्रो. सुरेखा डंगवाल ने इस अवसर पर कहा कि “साहित्य और सृजनशीलता समाज के विचारों को दिशा देने का कार्य करती है। ‘साई सृजन पटल’ पत्रिका न केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति का माध्यम है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास भी है।

यह पत्रिका पाठकों के मन में विचारों के नए बीज बोएगी और उनकी सोच को विस्तार देगी।” यह न केवल एक पत्रिका है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक समृद्धि को प्रतिबिंबित करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस पत्रिका के माध्यम से साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित हुई है। हमें विश्वास है कि ‘साई सृजन पटल’ अपनी सृजनशीलता और सामग्री की विविधता के साथ पाठकों के बीच अपनी अलग पहचान बनाएगी।

इस अवसर पर पत्रिका के संपादक प्रो. (डॉ.) के.एल. तलवाड़ ने बताया कि सहयोगी लेखकों, प्रबुद्ध पाठकों और संपादकीय टीम के समर्थन और परिश्रम से यह कार्य संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि सृजन और नवाचार जब मिलते हैं, तो एक नए युग की शुरुआत होती है। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल द्वारा ‘साई सृजन पटल’ पत्रिका के विमोचन के साथ साहित्य, संस्कृति और सृजनशीलता का यह संगम और प्रखर हो उठा है। चार माह पूर्व एक न्यूज लेटर के रूप में शुरू हुई यह यात्रा आज एक पूर्ण पत्रिका के रूप में हमारे समक्ष है।

यह पत्रिका न केवल लेखन कला को मंच प्रदान करती है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को भी प्रमुखता से प्रस्तुत करती है। यह न केवल सृजन की यात्रा का एक पड़ाव है, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रेरणा भी है। विमोचन कार्यक्रम के दौरान पत्रिका के संपादक मंडल ने इसे एक सतत प्रयास बनाने का संकल्प लिया है ताकि इसकी गुणवत्ता और स्वरूप को बनाए रखा जा सके।विमोचन कार्यक्रम में पत्रिका के उप संपादक अंकित तिवारी, हेमंत हरुला, पल्लवी बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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