भारत-इज़रायल कार्यबल साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंची
पुणे के आईटीआई औंध में इज़रायल भर्ती अभियान के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे
देहरादून। भारत और इज़राइल के बीच रणनीतिक कार्यबल साझेदारी एक नए चरण में प्रवेश कर गई है। इसके साथ ही हजारों कुशल भारतीय श्रमिक एक अभूतपूर्व भर्ती अभियान के दूसरे राउंड के लिए पुणे के आईटीआई औंध में पहुँच रहे हैं। यह अभियान 17 सितंबर को शुरू हुआ है और 25 सितंबर, 2024 तक चलेगा, जोकि अंतर्राष्ट्रीय श्रम सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस महत्वाकांक्षी भर्ती अभियान के लिए 12 इज़रायली अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल 16 सितंबर को भारत पहुंचा है।
उनकी उपस्थिति इस पहल के महत्व को उजागर करती है, जिसका उद्देश्य इज़रायल में कुशल निर्माण श्रमिकों की बढ़ती मांग को पूरा करना और भारतीय प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय कैरियर के अवसर प्रदान करना है। इस भर्ती अभियान का वर्तमान चरण इस वर्ष की शुरुआत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में आयोजित प्रारंभिक अभियान की शानदार सफलता पर आधारित है। आज तक, लगभग 4,800 भारतीय कामगारों को पहले ही इज़राइल में तैनात किया जा चुका है।
ये कामगार लगभग 1.32 लाख रुपये प्रति माह का प्रतिस्पर्धी वेतन और 16,000 रुपये का मासिक बोनस कमा रहे हैं। पहले समूह के अतिरिक्त 1,500 कामगारों ने 18 सितंबर, 2024 को इज़राइल के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी, जिससे इज़राइल में कुशल भारतीय पेशेवरों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो गई। इन सकारात्मक परिणामों से उत्साहित होकर, इज़रायली नियोक्ताओं ने अपने भर्ती लक्ष्यों को बढ़ा दिया है, और इस राउंड में अतिरिक्त 10,000 उम्मीदवारों की मांग की है।
विशेषज्ञता के चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों : फ्रेमवर्क, आयरन बेंडिंग, प्लास्टरिंग और सिरेमिक टाइलिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह पहल नवंबर 2023 में भारत और इजरायल के बीच हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट(जी2जी) समझौते का परिणाम है। महाराष्ट्र सरकार ने इस कार्यक्रम को अपना पूरा समर्थन दिया है, साथ ही आईटीआई औंध में महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट प्रदान किया है।
डिप्टी डायरेक्टर और इन-चार्ज ज्वाइंट डायरेक्टर रमाकांत भावसार अपनी टीम के साथ संस्थान में भर्ती प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह सुनिश्चित करता है कि भारत के कौशल कार्यक्रम वैश्विक रोजगार मांगों के अनुरूप हों। इसके अथक प्रयासों से यह सुनिश्चित होता है कि उम्मीदवार इज़राइल में आने वाली तकनीकी और व्यावसायिक चुनौतियों के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।