मिशलिन ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से मिशलिन एआई स्टार्टअप चैलेंज प्रस्तुत किया
देहरादून: मिशलिन, अपने अभिनव डीएनए के लिए मशहूर दुनिया की प्रमुख टायर टेक्नोलॉजी कंपनी, ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT)* और स्टार्टअप इंडिया के साथ मिलकर इस सेक्टर का पहला एआई स्टार्टअप चैलेंज शुरू करने की घोषणा की है। इस चैलेंज का उद्देश्य नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। इस एआई चैलेंज को DPIIT सचिव श्री राजेश कुमार सिंह, DPIIT के संयुक्त सचिव श्री संजीव और DPIIT के निदेशक डॉ. सुमित कुमार जारंगल की उपस्थिति में किया गया।
इसकी मेजबानी मिशलिन ग्रुप की चीफ डेटा एवं एआई ऑफिसर डॉ. अंबिका राजगोपाल और मिशलिन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शांतनु देशपांडे ने की। इस एआई स्टार्टअप चैलेंज का उद्देश्य भारत में अग्रणी एआई स्टार्टअप का चयन करना, उन्हें सलाह देना और उनके साथ सहयोग करना है। स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट पर होस्ट की जाने वाली यह 12 हफ्तों की चुनौती स्टार्टअप्स को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए आवेदन जमा करने का आमंत्रण देती है। इसके तहत चयनित स्टार्टअप को मेंटरशिप मिलेगी और इनमें से टॉप 8 स्टार्टअप सितंबर 2024 में दिल्ली में एक डेमो डे पर अपना प्रदर्शन करेंगे।
इनमें से भी टॉप 3 स्टार्टअप को मिशलिन से 5 लाख रुपये प्रति प्रोजेक्ट तक के भुगतान वाले पायलट प्रोजेक्ट और मिशलिन के लीडरशिप से लॉन्ग टर्म ग्लोबल कॉन्ट्रैक्ट और मेंटरशिप का अवसर मिलेगा। एआई का यह चैलेंज भारतीय स्टार्टअप को मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई चेन, ऑपरेटिंग सॉफ़्टवेयर और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों के लिए सॉल्यूशन बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह प्रोग्राम अधिक स्थायी प्रोडक्ट बनाने के उद्देश्य से मैन्युफैक्चरिंग, प्रोडक्ट क्वॉलिटी, सेफ्टी और प्रोडक्ट डिफेक्ट में कमी लाने के लिए एआई और कंप्यूटर विज़न/रोबोटिक्स का फायदा उठाएगा।
DPIIT के सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने कहा, “मिशलिन और स्टार्टअप इंडिया एआई चैलेंज के जरिए भारतीय स्टार्टअप को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बड़े लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल करके तकनीकी सॉल्यूशन बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। मिशलिन एआई स्टार्टअप चैलेंज मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई चेन, ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर और बुनियादी ढांचे से संबंधित सॉल्यूशन विकसित करने के अवसर प्रदान करता है। यह मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने, सुरक्षा को बढ़ावा देने और दोषों को कम करने के लिए एआई और रोबोटिक्स का फायदा उठाता है।
इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाना और भारतीय प्रतिभाओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म और ग्राहकों के सामने लाना है। मैं सभी DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं और उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। DPIIT के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने सार्वजनिक निजी भागीदारी के महत्व और देश भर में उद्यमशीलता के क्षेत्र को उन्नत बनाने में मदद करने के लिए सही संसाधन उपलब्ध कराने में मिशलिन जैसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने स्टार्टअप्स को उनके नवाचारों का दायरा बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए सशक्त करने में विभाग की प्रतिबद्धता पर भी फोकस किया। DPIIT के डायरेक्टर श्री सुमीत कुमार जारंगल ने एआई के महत्व और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमेशन पर सरकार के फोकस के बारे में बात की। उन्होंने मिशलिन टीम को देश के नजरिए के साथ पूरी तरह से तालमेल बिठाने वाला कार्यक्रम विकसित करने के लिए बधाई दी। मिशलिन में ग्रुप चीफ डेटा और एआई ऑफिसर डॉ. अंबिका राजगोपाल ने इस सहयोग के बारे में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा,
“एआई की दुनिया में स्टार्टअप के लिए इससे अधिक रोमांचक मौका कभी नहीं देखने को मिला है और हम भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देकर खुश हैं। सरकार की दूरदर्शी स्टार्टअप इंडिया पहल के साथ सहयोग करके एआई उद्योग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करना हमारे लिए गर्व का क्षण है।” इस पहल के बारे में, मिशलिन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शांतनु देशपांडे ने कहा, “मिशलिन में, हम पर्यावरण की रक्षा करने वाले भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां स्थिरता और नवाचार हमारे प्रयासों का मूल आधार है।
हम एआई चैलेंज में भारतीय स्टार्टअप की भागीदारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि हम एक साथ मिलकर ग्लोबल सॉल्यूशंस का निर्माण कर रहे हैं।” यह प्रोग्राम कई चरणों में आयोजित किया जाएगा। इसकी शुरुआत जुलाई 2024 में आउटरीच और आवेदन से होगी, इसके बाद सितंबर 2024 तक शॉर्टलिस्टिंग और मेंटरशिप होगी। ग्रैंड फिनाले में शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्टअप, स्टार्टअप इंडिया और मिशलिन इंडिया के जजों के पैनल के सामने अपने सॉल्यूशन पेश करेंगे। एआई चैलेंज भारत में मिशलिन के व्यापक नवाचार कार्यक्रम तहत की गई एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह डिजिटलीकरण, व्यावसायीकरण, गतिशीलता, उन्नत सामग्री और स्थिरता के लक्ष्य के साथ स्थानीय स्टार्टअप के साथ सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। अपने नवाचार प्रयासों के हिस्से के रूप में, मिशलिन स्टार्टअप्स को उनके साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोजेक्ट और लंबे समय के अनुबंध की पेशकश करता है और भारतीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट और सलाह देने के लिए कॉरपोरेट्स, वेंचर कैपिटल फर्म्स और इनक्यूबेटर्स के साथ सहयोग करता है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) का उद्देश्य नई और भावी प्रौद्योगिकी में निवेश की सुविधा प्रदान करके, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तेजी लाकर और उद्योगों एवं व्यापार के संतुलित विकास का समर्थन करके देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। 16 जनवरी 2016 को शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल ने उद्यमियों को समर्थन देने, एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी उत्पन्न करने वालों के देश में बदलने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।