उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के सख्त नियम के बावजूद समय पर कनेक्शन नहीं दे रहा यूपीसील
देहरादून (एजेंसी)। उत्तराखंड में लोगों को तय समय पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध हो, इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने बेहद सख्त नियम बनाए हैं। इसके बाद भी ऊर्जा निगम के इंजीनियर समय पर कनेक्शन नहीं दे रहे हैं। गतवर्ष 3194 लोगों को देरी से कनेक्शन मिला। इस पर आयोग ने निगम पर 3.58 करोड़ का जुर्माना लगाया। सामान्य घरेलू बिजली कनेक्शन 15 दिन में देने का नियम है। इसके बावजूद कनेक्शन एक-एक माह तक लटका दिया जाता है।
जहां बिजली की लाइन, खंबे और ट्रांसफार्मर लगाने होते हैं, उनमें तो चार-चार महीने तक का वक्त लग रहा है जबकि ऐसे मामलों में भी डेढ़ से दो माह के बीच कनेक्शन देना है। पुनीत धनोला ने सहस्त्रत्त्धारा में दस किलोवाट के कनेक्शन के लिए आवेदन किया। लंबा समय गुजरने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिला है। ऋषिकेश में यूजेवीएनएल की ओर से आवंटित किए गए सोलर पावर प्लांट के लिए बिजली लाइन बना कर कनेक्शन देने को अमन जोशी ने आवेदन किया था।
महीनों से यूपीसीएल के इंजीनियर लाइन ही नहीं जोड़ पा रहे हैं। शिमला बाईपास रोड पर विक्रम सिंह भी समय पर कनेक्शन न मिलने से परेशान हैं। इससे उनका भवन निर्माण का काम अटका है। उधर, नियामक आयोग से साल दर साल करोड़ों का जुर्माना लगने के बावजूद अफसरों के पास कोई जानकारी नहीं है। निदेशक ऑपरेशन मदन राम आर्य, निदेशक प्रोजेक्ट अजय अग्रवाल ये बताने में असमर्थ रहे कि कुल कितने कनेक्शन देरी से दिए गए,
जिसके कारण इस साल 3.58 करोड़ का जुर्माना लगा है। जबकि ये पूरा आंकड़ा नियामक आयोग समेत खुद ऊर्जा निगम की फाइलों में मौजूद है। इससे साफ होता है कि उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के मामले में हो रही देरी की किसी भी स्तर पर कोई समीक्षा नहीं हो रही है।
वर्ष लेट कनेक्शन जुर्माना
2023-24 3194 3.58
2022-23 8443 2.86
2021-22 7404 1.24
(जुर्माने की राशि करोड़ रुपये में)
एक भी इंजीनियर से नहीं वसूला जुर्माना: विद्युत नियामक आयोग का नियम है कि जिन इंजीनियरों के कारण कनेक्शन देने में देरी हुई, उनसे वसूली की जाए। आज तक किसी भी इंजीनियर से एक पैसे की भी वसूली नहीं हो पाई है। जबकि यूपीसीएल की वित्तीय स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। 2020-21 में जो घाटा 3851 करोड़ का था, वो 2021-22 में 4064 करोड़ पहुंच गया। 2022-23 में यही घाटा 5288 करोड़ तक जा पहुंचा।
15 साल में 40 हजार को लेट कनेक्शन: विद्युत नियामक आयोग ने जुर्माना लगाने की व्यवस्था वर्ष 2009 से शुरू की है। वर्ष 2009 से लेकर अभी तक कुल 40207 से अधिक लोगों को कनेक्शन समय पर नहीं मिले हैं। इस पर नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम पर कुल 23.38 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। निगम ने 2.80 करोड़ का जुर्माना जमा भी कराया है। शेष जुर्माना माफ कराने को लेकर जोर लगाया जा रहा है।
लोगों को समय पर बिजली कनेक्शन मिले, इसके लिए मजबूत निगरानी सिस्टम तैयार किया जा रहा है। एक्सईएन से लेकर एसई, चीफ, निदेशक स्तर तक के अधिकारी नियमित रूप से कनेक्शन आवेदन से लेकर जारी करने तक की समीक्षा करेंगे। जनता को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।