होम क्रेडिट इंडिया ने ‘सेवा भारत’ के साथ मिलकर ‘सक्षम 2024’ लॉन्च किया, हाशिए पर खड़ी 20,000 महिलाओं और बालिकाओं को शिक्षित करने का इरादा
'सक्षम' 2024 का इरादा है 20,000 महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 800+ वित्तीय साक्षरता कार्यशालाओं का आयोजन करना।
देहरादून: एक गैर-लाभकारी संगठन ‘सेवा भारत’ के सहयोग से मशहूर ग्लोबरल कंज़्यूमर फ़ाइनैंस प्रोवाइडर की एक स्थानीय शाखा, होम क्रेडिट इंडिया (HCIN) ने अपने वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम “सक्षम 2024” के अगले संस्करण की शुरुआत की है, जिसके तहत यह हाशिए पर रहने वाली 20,000 महिलाओं और बालिकाओं को लाभार्थियों के रूप में शिक्षित करेगा। ‘सक्षम’ वित्तीय साक्षरता पहल का मुख्य उद्देश्य हाशिए पर खड़ी महिलाओं और बालिकाओं को वित्त की मूलभूत समझ देना है, ताकि उन्हें होशियारी से वित्तीय निर्णय करने के लिए सशक्त बनाया जाए और उन्हें हर जानकारी दी जा सके। यह कार्यक्रम उन्हें डिजिटल पेमेंट के विकल्पों और उससे जुड़े जोखिमों और रिवॉर्ड्स के बारे में जानने में भी सक्षम बनाएगा।
इस वर्ष, ‘सक्षम 2024’ का उद्देश्य मुख्य रूप से उत्तर (दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, पंजाब और राजस्थान) और पूर्वी भारत (बिहार) में आयोजित की जाने वाली 800+ वित्तीय साक्षरता कार्यशालाओं के ज़रिए 20,000 महिलाओं (महिला छात्रों, गृहिणियों, नौकरानियों और दैनिक वेतनभोगियों सहित) को शिक्षित करना है। ‘सक्षम’ की ओर से पेश किए गए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में बजट, बचत, क्रेडिट योग्यता, निवेश योजना जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा। इस पहल पर बोलते हुए, होम क्रेडिट इंडिया के चीफ़ मार्केटिंग ऑफ़िसर, आशीष तिवारी ने कहा, “होम क्रेडिट इंडिया में, हम वित्तीय सशक्तीकरण को सामाजिक प्रगति की मूलभूत ज़रूरत मानते हैं।
‘सक्षम’ हाशिए पर खड़ी महिलाओं और बालिकाओं को ज़रूरी वित्तीय कौशल से लैस करने, उन्हें जानकारी से भरपूर फ़ैसले करने और आत्मविश्वास के साथ वित्तीय परिदृश्य में नैविगेट करने में सक्षम बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है। अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करते हुए, हम ‘सेवा भारत’ के सहयोग से वित्तीय साक्षरता पहल ‘सक्षम 2024’ का अगला संस्करण लॉन्च करते हुए खुश हैं। हमारा सहयोग सभी के लिए वित्तीय भागीदारी और सुलभता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।” परियोजना के लागू करने के मामले पर बोलते हुए, ‘सेवा भारत’ की परियोजना प्रमुख और उपाध्यक्ष अंकिता उप्रेती सिब्बल ने कहा,“कम आय वाले और हाशिए पर रहने वाले समुदायों में, महिलाओं को वित्तीय सेवाओं का ऐक्सेस देने और ऐसेट को असरदार तरीके से प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
होम क्रेडिट इंडिया के ‘सक्षम’ जैसी पहलों के ज़रिए हमारा मिशन वित्तीय प्रणालियों को आत्मविश्वास से नैविगेट करने के लिए ज़रूरी ज्ञान और कौशल के साथ महिलाओं को सशक्त बनाना है। हमारा पक्का विश्वास है कि हमारी वित्तीय साक्षरता कार्यशालाएं महिलाओं को जानकारी से भरपूर फ़ैसले करने, बचत की आदतें विकसित करने और निवेश के अवसरों का पता लगाने में सक्षम बनाने के लिए एक आधारशिला के रूप में काम करेंगी। इस तरह, हमारा लक्ष्य एक ऐसे भविष्य को बढ़ावा देना है जहाँ हर महिला, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य का निर्माण हो सके, बाधाओं को तोड़ सके और उसका सही अर्थ में आर्थिक सशक्तीकरण हो सके।”
‘वित्तीय साक्षरता’ दरअसल होम क्रेडिट इंडिया के प्राथमिक ESG स्तंभों में से एक है; और एक ज़िम्मेदार कंज़्यूमर लेंडर (उपभोक्ता ऋणदाता) के रूप में, ब्रैंड अपनी अलग-अलग CSR पहलों से वित्तीय और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देकर व्यापक समाज में एक ज़िम्मेदार बॉरोइंग (लोन) संस्कृति को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है। वंचित महिलाओं और बालिकाओं को वित्तीय साक्षरता मुहैया करवाने के लिए भारतीय विकास फ़ाउंडेशन (IDF) के सहयोग से ‘सक्षम’ का पहला संस्करण जुलाई 2022 से मार्च 2023 तक आयोजित किया गया था। होम क्रेडिट इंडिया ने अपनी इन-हाउस माइक्रोसाइट ‘पैसे की पाठशाला’, ब्लॉग और सोशल मीडिया अभियानों के ज़रिए 30 लाख से ज़्यादा लोगों के साथ काम किया है।