पिटकुल टेंडर पुलिंग घोटाले में विजिलेंस जांच से क्यों कतरा रही सरकार : मोर्चा
विजिलेंस जांच कराने को मोर्चा देगा राजभवन में दस्तक, पिटकुल अध्यक्ष की जांच रिपोर्ट भी शासन में धूल खा रही। मुकदमा दर्ज होने के बाद मामला जस का तस। अधिकारियों एवं ठेकेदारों ने मिलकर लगाया सरकार को करोड़ों का चूना।
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्षों पहले पिटकुल अधिकारी श्री अनिल कुमार (वर्तमान में एमडी यूपीसीएल) एवं अधिकारियों तथा मै. ईशान इंटरप्राइजेज / ठेकेदारों के समूह की जुगलबंदी ने टेंडर पुलिंग कर निम्नतम स्तर के करोड़ों. रुपए के ट्रांसफार्मर खरीद कर सरकार को कई करोड़ रुपए की चपत लगाई, जिसको लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया।
उक्त घोटाले जलसाजी के मामले में पिटकुल अध्यक्ष श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा दिनांक 28/6/2023 को सचिव, ऊर्जा को रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिसमें उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई तथा इसी क्रम में पिटकुल के वर्तमान प्रबंध निदेशक श्री पी. सी. ध्यानी द्वारा भी शासन को बहुत गंभीर रिपोर्ट दिनांक दिनांक 22/01/23 को प्रेषित की गई थी तथा उक्त से पूर्व भी जब श्री ध्यानी निदेशक (मानव संसाधन) थे, उस समय भी दिनांक दिनांक 22/07/22 के द्वारा शासन को रिपोर्ट प्रेषित की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। उक्त मामले में सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्रवाई न किए जाने को लेकर मोर्चा द्वारा राजभवन को पत्र प्रेषित कर विजिलेंस अथवा उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया गया।
नेगी ने कहा कि उक्त टेंडर घोटाले के मामले में पिटकुल प्रबंधन द्वारा 21/01/2023 को संस्थाओं/ ठेकेदारों से संबंधित 8 व्यक्तियों के खिलाफ थाना पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन आज तक कार्रवाई के नाम पर सब शून्य है।
उक्त घोटाले के मामले में मा. एकल मध्यस्थ सेवानिवृत्ति मुख्य न्यायाधीश श्री विजय कुमार बिष्ट द्वारा दिनांक दिनांक 27/04/23 एवं श्री जयसिंह, माननीय अपर जनपद न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) द्वारा भी उक्त मामले में कठोर टिप्पणी की गई है।
नेगी ने कहा कि इतने गंभीर प्रकरण पर सरकार की उदासीनता निश्चित तौर पर चिंताजनक है तथा इस उदासीनता के चलते व्यापक पैमाने पर राज्य में भ्रष्टाचारियों का साम्राज्य स्थापित हो रहा है। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व विजयराम शर्मा मौजूद थे।