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गो माता की करुण पुकार, सुने देश की हर सरकार

देहरादून। चारों पीठों के पूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्यों व देश के प्रतिष्ठित पूज्य सन्त महापुरुषों द्वारा स्वतः-स्फूर्त गोमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन के तत्वावधान में गो-संसद् के अन्तर्गत दिनांक 12 दिसम्बर 2023 को काशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गो-दूतों की नियुक्ति की गई।

आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के पश्चात आजादी की सूत्रधार, अमृत की प्रदाता, हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र, सात्विक (पॉजिटिव) ऊर्जा का स्रोत, राष्ट्र की सुख समृद्धि का मूल आधार, सुव्यवस्थित उत्तम विकास व अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड, राष्ट्र धर्म व संस्कृति के अविरल विकास की जननी गो की हत्या का कलङ्क ऋषि-मुनियों की इस पवित्र तपोभूमि भारत से समाप्त करवाकर राष्ट्रमाता का सर्वोच्च सम्मान प्रदान करवाने हेतु हमारे राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों से गो-राष्ट्रभक्त, कर्तव्यनिष्ठ सन्तों की नियुक्ति करके विक्रम संवत् 2080 माघ कृष्ण पक्ष एकादशी, दिन मंगलवार तदनुसार दिनांक 6 फरवरी, 2024 ई. को श्री शङ्कराचार्य शिविर, माघ मेला क्षेत्र, प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गो- संसद् में पहुँचाने का निर्णय किया गया है।

हमारे प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्रों में इस गो-प्रतिष्ठा आंदोलन अभियान का वातावरण निर्माण करने, चारों पीठों के पूज्य जगद्गुरु शङ्कराचार्य व राष्ट्र के प्रतिष्ठित सन्त-महापुरुष और प्रधान पीठों के आचार्यों का आदेश तथा इस कार्य की सफलता का दायित्व हमें प्राप्त हुआ। प्रदेश के सभी प्रतिष्ठित सन्त-महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शङ्कराचार्यों के आदेशानुसार एकजुट होकर इस स्वतः स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन को सम्पूर्ण देश में गति प्रदान कराना है।

दिनांक 4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गोभक्तों की एक विशेष गोसभा आयोजित होगी। जिसमें आन्दोलन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्टता देते हुए कमर कसी जायेगी।

दिनांक 15 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक दिल्ली में गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन हेतु ग्यारह गो-विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जायेगी। जिसमें गो-धर्म विशेषज्ञ, गो-आर्थिकी विशेषज्ञ, गो-ऊर्जा विशेषज्ञ, गो-कानून विशेषज्ञ, गो-विज्ञान विशेषज्ञ, गो-राजनीति विशेषज्ञ, गो-संगठन विशेषज्ञ, गो-मीडिया विशेषज्ञ, गो-प्लेसमेंट (रोजगार) विशेषज्ञ, गो-व्यवहार विशेषज्ञ, गो-पर्यावरण एवं पञ्चतत्व विशेषज्ञ होंगे।

यदि इससे काम नहीं हुआ तो दिनांक 30 जनवरी 2024 को गो-विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्षों के साथ गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन के लोगों का प्रतिनिधिमण्डल देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदया, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मिलेंगे और इससे भी अगर काम नहीं हुआ तो फिर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद् गो-संसद का आयोजन होगा। जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक-एक गो-प्रतिनिधि मनोनीत होकर उस गो-संसद् में सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा।

यदि फिर भी काम नहीं हुआ तो आध्यात्मिक उपायों एवं दैविक शक्तियों को प्रधानता देते हुए इस पवित्र गो-आन्दोलन की सफलता हेतु आह्वान द्वारा किया जायेगा, जिसमें स्वतः-स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेध महायज्ञ किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी श्रीमहन्त पूज्य रविन्द्रपुरीजी महाराज, अध्यक्ष अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है। दिनांक 14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्मघाट पर गो-रुद्र महायज्ञ किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी महामण्डलेश्वर पूज्य साध्वी श्याम दीदीजी को दिया गया है। दिनांक 15 फरवरी से 21 फरवरी तक महाराष्ट्र प्रदेश के अमरावती में सिद्ध बाल हनुमान गोरक्षण, डरगाँव में कामधेनु महायज्ञ किया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी 1008 महात्यागी पूज्य माधवदासजी महाराज को सौंपी गयी है।

इतना संघर्ष करने के बाद भी यदि स्वतः-स्फूर्त गो-प्रतिष्ठा आन्दोलन के पक्ष में, गो-सांसद सन्तों के मतानुसार परिणाम नहीं आया, तो फिर दिनांक 10 मार्च 2024 को सम्पूर्ण देश से दिल्ली में गो-भक्त एकत्रित होंगे और दिनांक 6 फरवरी 2024 को आयोजित गो-संसद् द्वारा पारित प्रस्तावों के अनुसार कार्य करते हुए गोमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु अन्तिम हर एक आवश्यक प्रयास किये जायेंगे। विद्वान् सन्तों द्वारा पहले से ही यह तय हो चुका है और इसकी घोषणा की जा चुकी है कि आने वाला नव-संवत्सर, गो-संवत्सर ही होगा।

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