Fastest news from Uttarakhand

राजनीति : सिल्कयारा सुरंग हादसे पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने सभी परियोजनाओं की ऑडिट की मांग उठाई

देहरादून (एजेंसी)। उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग से 41 श्रमिकों को बचाए जाने के एक दिन बाद, उत्तराखंड में चल रही परियोजनाओं पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने बुधवार को सभी परियोजनाओं की गहन ऑडिट की मांग की।

साथ ही हिमालय क्षेत्र में भविष्य की सभी परियोजनाओं को रोकने और उन्हें पेशेवर पारिस्थितिक जांच के अधीन करने की अपील की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हम बचाए गए कर्मियों को सलाम करते हैं और पूरी बचाव टीम की सराहना करते हैं, लेकिन सुरंग ढहने से पैदा हुए कुछ बड़े सवालों पर भी विचार किया जाना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया-सिलक्यारा सुरंग से बचाए गए श्रमिकों को सलाम करते हुए और पूरी बचाव टीम की सराहना करते हुए हमें सुरंग के ढहने से उठे कुछ बड़े सवालों पर भी विचार करना चाहिए। इस घटना ने पश्चिमी हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की संवेदनशीलता और जटिलता को पूरी स्पष्टता के साथ हमारे सामने ला दिया है।

जयराम रमेश ने कहा- इस क्षेत्र में सिविल निर्माण और अन्य परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन के मामले में पर्यावरण मूल्यांकन प्रक्रिया की विफलता भी सामने आई है। जैसे चार धाम परियोजना में सुरंग एक हिस्सा ढह गया। निर्माण कार्यों को इस तरह से आवंटित किया गया ताकि पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन से पूरी तरह बचा जा सके। सुरंग पर व्यापक रूप से स्वीकृत सुरक्षा सुविधाएं नहीं होने पर भी रिपोर्ट्स आई हैं।

पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश के अनुसार, 41 श्रमिकों को 17 दिनों तक जिस सदमे से गुजरना पड़ा है, उससे हमें थोड़ा रुक कर सोचना चाहिए। सभी परियोजनाओं का गहन ऑडिट किया जाना चाहिए और हिमालयी क्षेत्र में भविष्य की सभी परियोजनाओं को रोक कर उन्हें पेशेवर पारिस्थितिकी जांच के अंतर्गत लाना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव ने कहा- एक दशक पहले उद्घाटन किए गए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के कार्यालय के प्रवेश द्वार पर ये शब्द हैं: प्रकृति रक्षति रक्षितः, यह हमारी सभ्यता की विरासत में अंतर्निहित एक सरल लेकिन बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत है, लेकिन दुख की बात है कि इसका केवल दिखावा किया जा रहा है जिसका परिणाम हमारे लिए विनाशकारी होगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.