बड़ी खबर : उत्तराखंड के नये कार्यवाहक डीजीपी का ऐलान, अभिनव कुमार होंगे नए डीजीपी
Uttarakhand new DGP Abhinav Kumar आईपीएस अफसर अभिनव कुमार को उत्तराखंड का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. आईपीएस अफसर अभिनव कुमार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
देहरादून : उत्तराखंड के नये डीजीपी का ऐलान हो गया है. 1996 बैच के आईपीएस अफसर अभिनव कुमार को उत्तराखंड का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार कल रिटायर हो रहे हैं. उनके रिटायर होने से पहले आईपीएस अफसर अभिनव कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है.
बता दें कल यानि 30 नवंबर को डीजीपी अशोक कुमार रिटायर हो रहे हैं. उसके बाद उत्तराखंड के नये डीजीपी की जम्मेदारी आईपीएस अफसर अभिनव कुमार को दी गई है. आईपीएस अभिनव कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बेहद करीबी हैं. वर्तमान में अभिनव कुमार एडीजी इंटेलिजेंस उत्तराखंड का जिम्मा संभाल रहे हैं.
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार के रिटायर होने के बाद अभिनव कुमार कल पदभार ग्रहण करेंगे. अभिनव कुमार की छवि एक तेज चर्रार ऑफिसर की रही है. अभिनव कुमार हरिद्वार, देहरादून के कप्तान भी रह चुके हैं. कुछ महीनों पहले वे आईजी गढ़वाल के पद पर तैनात थे. इसके बाद उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सीआरपीएफ में काम किया.
बता दें अभिनव कुमार के नाम पर मुहर लगने से पहले उत्तराखंड डीजीपी के लिए कई नाम का पैनल शासन को भेजा गया था. इनमें तीन नाम थे. जिसमें सबसे पहला नाम आईपीएस दीपम सेठ, पीवीके प्रसाद और अभिनव कुमार का नाम भी शामिल था. आईपीएस दीपम सेठ अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं. वे अभिनव कुमार के सीनियर भी हैं, मगर सीएम धामी से करीबी और आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभिनव कुमार की नये डीजीपी के तौर पर ताजपोशी कर दी गई है.
मैं कभी राजनीति में नहीं करना चाहता : डीजीपी अशोक कुमार
देहरादून। मैंने 35 साल पुलिस की वर्दी पहनी है। लेकिन कभी ना राजनीति की ना ही उसमें ज्यादा रुचि दिखाई। रिटायरमेंट के बाद भी मैं कभी राजनीति में नहीं आना चाहूंगा। रिटायरमेंट से एक दिन पहले बुधवार को पुलिस मुख्यालय में मीडिया से आखिरी बार मुखातिब होते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए हमेशा प्रयास किए।
आपरेशन मुक्ति, आपरेशन प्रहार और आपरेशन स्माईल सहित कई अभियान उन्होंने चलाए। उम्मीद है ये सभी जारी रहेंगे। डीजीपी ने कहा कि मैंने हमेशा पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग पर जोर दिया है। यानी पीड़ित की सुनवाई सबसे पहले है। ताकि वो पुलिस को अपना मित्र समझे। कहा कि बदमाशों में पुलिस का खौफ होना चाहिए। डीजीपी ने कहा आने वाले वक्त में वे पहले थोड़े समय आराम करेंगे। इसके बाद साहित्य और खेल के विकास के लिए राज्य में ही रहकर काम करेंगे।