Fastest news from Uttarakhand

लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए फाईनेंस करते हैं डकैत

देहरादून। रिलायंस ज्‍वेलर्स लूट कांड में पुलिस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रही है वैसे वैसे कई रोचक व सनसनी खेज जानकारियां सामने आ रही है। ऐसी ही एक जानकारी मिली है कि लूट कांड के मुख्‍य आरोपी और गिरोह के सरगना सुबोध का बिहार मे अच्‍छा खासा रूतबा है। सुबोध यहां कई राजनैतिक दलों के कर्ता धर्ताओं का खास है और उनके लिए ही काम करता है़।

बताया जा रहा है कि सुबोध गैग के डकैत ने तो वहां चुनाव भी लड़ा वह भी एक बड़े राजनैतिक दल के चुनाव चिन्‍ह पर। हालांकि वह चुनाव हार गया था लेकिन उसने उस समय पैसा पानी की तरह बहाया। बताया जाता है कि जो भी चुनाव लड़ने वाले प्रत्‍याशी को फाईनेंस करता है और उसका प्रत्‍याशी जीत जाता है तो फिर उस फाईनेन्‍सर को पूरे पांच साल या जब तक सरकार रहती है कोई भी हाथ नहीं लगा सकता है।

बताया जा रहा है कि सुबोध डकैती के रूपयों से सत्‍ता के गलियारों में अपनी पैंठ बनाता है। वह जेल में भी है तो उसकी सल्‍तनत पूरी बरकरार है। बताया जा रहा है कि सुबोध अक्‍सर उन्‍ही दिनों में डकैती करता है जब कोई भी चुनाव चाहे वह गांव स्‍तर का हो या राज्‍य या फिर देश की सत्‍ता के लिए हो रहा हो। यहीं नही पुलिस को बिहार पहुचकर यह भी जानकारी मिली कि वहां किसी भी राज्‍य की पुलिस क्‍यों न पहुंच जाए लेकिन बिहार से बदमाशों को पकड़ कर लाना टेड़ीखीर है।

यहां बदमाशों के पूरे पूरे गिरोह नहीं है बल्कि कुनवे हें जो कि दो तीन यो इससे अधिक गांवों तक फैले हैं ऐसे में बदमाशों को वहां से लाना काफी मुश्किल होता है। हर गांव या कस्‍बा राजनैतिक दलों का अच्‍छा खासा वोट बैंक होता है ऐसे में वहां से किसी को पकड़ने से पहले वोट बैंक के चौकीदार सामने आ जाते हैं और अपराधी बच निकलता है। इसी तरह से यहां पूरी सत्‍ता की धुरी यहां के बदमाशों पर टिकी रहती है। बदमाशों का कई कई गांवों तक खौफ रहता है तो उनके ही कहने पर यहां दलों को वोट डाले जाते हैं। ऐसे में कोई भी राजनैतिक दल यह नहीं चाहता है कि कोई उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचाए।

कहा तो यहां तक जा रहा है दून में की गयी डकैती भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एक खास राजनेता ने सुबोध से डलवाई थी। सुबोध के साथ तय किया गया था कि लोकसभा चुनाव में उस नेता को फाईनेंस सुबोध करेगा और जीतने के बाद सुबोध को जेल से बाहर निकालने का काम नेताजी करेंगे। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए धन की अधिक आवश्‍यकता पड़ती है इसलिए बड़ी डकैती डालने की योजना बनाई गयी और फिर इसके लिए उत्‍तराखण्‍ड को चुना गया। बताया जा रहा है कि इस बार की डकैती से जो रकम मिलनी थी वह नेताजी ओर सुबोध की बीच बांटी जानी थी। डकैतों का सारा खर्चा भी नेताजी के गुर्गों ने ही किया था।
सोना नेपाल भेज देते हैं

बताया जा रहा है कि बदमाश्‍ा लूट के बाद जो भी सोना बरामद होता है उसको नेपाल भेज देते हैं। वहां से इसको धीरे धीरे बेचकर लाया जाता है। चूंकि नेपाल बिहार की सीमा से लगा हुआ है और वहां आना जाना भी अासान है तो इसलिए वहां सोना रखना ज्‍यादा सुरक्षित है। इसके साथ ही जब भी जरूरत हो उसको बेच कर पैसा लाया जा सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.