तीन दिवसीय जनपदीय शरद कालीन एवं शीतकालीन सांस्कृतिक क्रीड़ा प्रतियोगिता गौचर में पुरस्कार वितरण के साथ हुआ संपन्न
गौचर / चमोली (ललिता प्रसाद लखेड़ा): तीन दिवसीय जनपद स्तरीय शरदकालीन / शीतकालीन एवं सांस्कृतिक क्रीड़ा प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुई। इस प्रतियोगिता में बालक वर्ग में कर्णप्रयाग विकासखंड का छात्र दिव्यांशु रावत और बालिका वर्ग में गैरसैंण विकासखंड की छात्रा तानिया चैंपियन रहे। मुख्य अतिथि डायट प्राचार्य एलयस बर्तवाल ने प्रतिभागी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया।
यहां हुई कवड्डी की प्रतियोगिता में विकासखंड कर्णप्रयाग ने प्रथम व नारायणबगड़ विकासखंड ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। खो – खो में गैरसैंण ने प्रथम तथा कर्णप्रयाग ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।समूह गान में दशोली विकासखंड ने प्रथम व गैरसैंण ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
सव जूनियर वर्ग की लोक नृत्य में कर्णप्रयाग ने प्रथम व गैरसैंण ने दूसरा स्थान हासिल किया।
इसी वर्ग की 200 मीटर बालक वर्ग की दौड़ में नारायणबगड़ का छात्र अमन ने प्रथम, दशोली के अभय ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर दौड़ में भी नारायणबगड़ का छात्र अमन ने प्रथम व दशोली का छात्र अभय दूसरे स्थान पर रहा। 100 मीटर दौड़ में पोखरी विकासखंड का छात्र विवेक ने प्रथम तथा गैरसैंण के शैलेन्द्र ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। ऊंची कूद बालक वर्ग में कर्णप्रयाग का सुखवीर ने प्रथम स्थान व पोखरी का विवेक दूसरे स्थान पर रहे। इसी वर्ग की कब्बड्डी में कर्णप्रयाग प्रथम व पोखरी दूसरे स्थान पर रहा।
बालिका वर्ग की 100 मीटर दौड़ में थराली की बबली प्रथम, कर्णप्रयाग की आरूषि द्वितीय स्थान पर रही। 200 मीटर दौड़ में गैरसैंण की तानिया प्रथम, थराली की बबली द्वितीय स्थान पर रही। 400 मीटर दौड़ में नन्दा नगर की रोशनी ने प्रथम स्थान, कर्णप्रयाग की आयशा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। ऊंची कूद में नन्दा नगर की नैना ने प्रथम तथा हर्षिता ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
प्राथमिक वर्ग बालिका 50 मीटर दौड़ में दशोली की अंजली ने प्रथम, नारायणबगड़ की हर्षिता ने द्वितीय स्थान, 100 मीटर दौड़ में दशोली की अंजली ने प्रथम व नारायणबगड़ की शीतल ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर दौड़ में गैरसैंण की छात्रा खुशी ने प्रथम व देवाल की विमला ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसी वर्ग की खो खो में गैरसैंण विकासखंड प्रथम व देवाल विकासखंड द्वितीय रहा।
प्रतियोगिताओं को सुसंपन्न कराने में शिक्षकों ने निर्णायक व अभिलेख सहित सभी व्यवस्थाओं में अपना सराहनीय योगदान प्रदान किया। इस अवसर पर सभी विकासखंडों के क्रीड़ा समन्वयक एवं क्रीड़ा अधिकारी, शिक्षक / शिक्षिकाऐं मौजूद थे।