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वन सरपंचों की मांगे नहीं मानने पर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ करेंगे मतदान

उत्तरकाशी (रोबिन वर्मा): समीर सिंह पंवार प्रदेश अध्यक्ष वन पंचायत सरपंच संगठन ने प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार पर वन सरपंचों की मांगों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है ।

समीर सिंह पवार ने कहा कि उनके द्वारा मुख्य वन संरक्षक, वन मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार , राज्यपाल को वन सरपंचों की मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है, जिसमें वन सरपंचों की मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन तो दिया है लेकिन अभी तक उनके मांगे मानी नहीं गई,जिसको लेकर प्रदेश भर के वन सरपंचों में आक्रोश है । साथ ही राज्य सरकार को चेतावनी दि है की आने वाले समय में यदि राज्य सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ताधारी पार्टी के विरोध में मतदान करेंगे।

समीर सिंह पवार ने कहा कि वन सरपंचों की मुख्य मांगे इस प्रकार हैं ,वन पंचायत सरपंचों को मानदेय देने की स्वीकृति, वन पंचायत सरपंचों एवं ग्रामीणों को जंगली जानवरों के हमले के दौरान मृत्यु हो जाने पर 20 से 30 लाख तक का बीमा दिया जाए ।

राजस्व विभाग से वन पंचायत की भूमि का सीमकन करवा कर वन विभाग से वन पंचायत की भूमि वन पंचायत को दी जाए । वन पंचायत के चुनाव प्रदेश भर में एक साथ हो । उत्तराखंड पंचायती वन नियमावली 2005 में संशोधन कर सरपंचों के हितों को सुरक्षित एवं मजबूत किया जाए ।

लिसा रॉयल्टी प्रत्येक वर्ष समाप्ति के साथ वन पंचायत को दी जाए। वन पंचायत में सुखे गिरे पेड़ों की नीलामी का अधिकार वन पंचायत को दिए जाएं, वन पंचायत को इको टूरिज्म से जोड़ा जाए आदि प्रमुख मांगे है ।

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