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दशहरे के पर्व पर अब ‘रावण’ की जगह आतंकवाद के दहन की हो शुरुआत

आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना चाहिए

ऋषिकेश: आज ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में महिलाओं द्वारा दशहरे पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की जगह आतंकवाद का पुतला भी जलाया जाए संकल्प के साथ गंगा आरती की गई।इस अवसर पर श्रद्धालुओं के जय श्री राम के जयकारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा व देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा रावण का सर्वनाश उसके क्रोध और अहंकार के कारण हुआ। श्रीराम ने जब रावण का वध किया, तो इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर देखा गया। ठीक उसी तरह अब आतंकवाद नाम की बुराई और हैवानियत से जिससे पूरी दुनिया परेशान है हमे इस आतंकवाद को जलाने की शुरुआत इसदशहरे पर करनी चाहिए।

डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि देश व विश्व में अस्थिरता व जंग के हालात पैदा करने वाले आतंकियों को सबक सिखाने व सेनाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए आतंकवाद का पुतला भी फूंका जाए। अब अपनी नयी पीढी को रावण की बुराईयो से ज्यादा आतंकवाद के खतरे और आतंक उसके विनाश तथा हैवानियत की जानकारी देने की जरूरत है । इसलिए अब रावण की जगह आतंकवाद का दहन हो ।

महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से डॉ. ज्योति शर्मा, शील गुप्ता, आनंद गुप्ता, रीना पुरी, अनु पुरी, वंदना, आशा, मंजू जोशी और गायत्री आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।

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