Vastu Tips : वास्तु शास्त्र हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है, खासकर सेहत को। कई बार हम सही दवा और परहेज के बावजूद पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते। ऐसे में घर का वास्तु दोष भी एक बड़ी वजह हो सकता है।
प्राचीन ग्रंथों में भी कहा गया है कि “पहला सुख निरोगी काया” यानी स्वस्थ शरीर ही असली संपत्ति है। अगर घर में कोई न कोई हमेशा बीमार रहता है, तो जरूरी है कि हम अपने घर के वास्तु पर ध्यान दें और जरूरी सुधार करें।
घर की बनावट और सेहत पर असर
घर की दिशा और बनावट का सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। खासतौर पर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) का महत्व अधिक होता है।
अगर इस दिशा में सीढ़ियां या टॉयलेट बना हो, तो घर की महिलाओं को मानसिक तनाव और सिर दर्द जैसी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा, परिवार के अन्य सदस्य भी मानसिक अस्थिरता का अनुभव कर सकते हैं।
अगर उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा पूरी तरह से बंद हो, तो यह बीमारियों का बड़ा कारण बन सकता है। इस दिशा का खुला और स्वच्छ होना सेहत के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि घर में इस दिशा को हमेशा व्यवस्थित रखें।
दीवारों के रंग और बीमारियों का संबंध
घर की दीवारों का रंग भी स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। वास्तु के अनुसार, नीला और काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और घर में वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। वहीं, पीले रंग का अधिक प्रयोग घर में तनाव और मानसिक अस्थिरता बढ़ा सकता है।
अगर घर की दीवारों पर दाग-धब्बे हैं, तो यह भी शुभ संकेत नहीं माना जाता। इससे घर के सदस्यों को जोड़ों और कमर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए दीवारों को समय-समय पर साफ-सुथरा और सही रंगों से रंगवाना आवश्यक है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
अगर घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार या खुली जगह हो, तो यह हृदय रोग (हार्ट अटैक), लकवा (पैरालिसिस) और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस दिशा का सही तरीके से संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है, जिससे गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।
नींद की परेशानी और सिर दर्द का कारण
अगर आप अक्सर सिर दर्द, बेचैनी या अनिद्रा की समस्या से परेशान रहते हैं, तो इसका कारण दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना या इस दिशा में बाथरूम का होना हो सकता है।
वास्तु के अनुसार, इस स्थिति में सोने से मानसिक शांति भंग होती है, जिससे व्यक्ति को नींद नहीं आती और दिमागी तनाव बढ़ सकता है।
वास्तु दोष से बचने के उपाय
- घर में उत्तर-पूर्व दिशा को खुला और साफ रखें।
- दीवारों पर हल्के और सकारात्मक ऊर्जा देने वाले रंगों का इस्तेमाल करें।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य दरवाजा बनाने से बचें।
- सिर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर करके सोएं।
- घर के अंदर फालतू और टूटी-फूटी चीजों को इकट्ठा न करें।
अगर इन वास्तु नियमों का पालन किया जाए, तो घर का वातावरण सकारात्मक होगा और बीमारियों से भी राहत मिलेगी।