रिवर्स पलायन संवाद 21 से 23 को दून में

देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड के मांगल गीतों, सगुन आखारों, बोली भाषा, रीति रिवाजों, वेशभूषा, खानपान के संरक्षण व संवर्धन से सही मायनो में ही राज्य का बहुमुखी विकास संभव है। उक्त विचार आज उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान पद्मश्री डा.माधुरी बड़थ्वाल ने व्यक्त किए। वे आज रिवर्स पलायन संवाद अभियान के संदर्भ में जानकारी देने मुखरूप से पत्रकारों के रूबरू थी।
रिवर्स पलायन संवाद अभियान 2023 के सूत्रधार आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी ने बताया कि अभियान के प्रथम चरण में पर्यटन ग्राम तिवाड गांव, टिहरी गढ़वाल में तीन दिवसीय सफल अभियान चलाया गया। जिसमें 32 होम स्टे चलाने वाले उद्धमियों को "आदर्श उत्तराखंडी उद्धमी सम्मान 2023," से सम्मानित किया गया।
साथ ही मांगल गीतों के प्रशिक्षण के साथ साथ गढ़वाली भाषा, वेश भूषा, रितिरिवाज, पर एक वृहद संवाद कार्यक्रम आयोजित हुए। तिवाड़ी गांव की दीवारों को दून के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र छात्राओ ने राज्य की संस्कृति, संस्कारों को दर्शाने वाले चित्रों से सजाया।
उन्होंने बताया कि अभियान के दितीय चरण में 21 से 23 अप्रैल को ओ एन जी सी महिला पॉलिटेक्निक कोला गढ़ रोड, राजेंद्र नगर में रिवर्स पलायन संवाद 2023 के तहत राज्य की संस्कृति भाषा, रीति रिवाज, खान पान, वेशभूषा आदि संबंधित संवाद कार्यक्रम होगे।
8 वें दून योग महोत्सव के माध्यम से राज्य को वेलनेस का एक बड़ा हब बनाने के संकल्प के साथ राज्य के गावों के योग और आयुर्वेद के गांवों के रूप में विकास पर गहन चिंतन किया जायेगा। योग पर आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी तथा इस क्षेत्र में सर्वोत्तम योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। तृतीय चरण में एक मई से हरिद्वार, चारों धाम सहित गढ़वाल के सभी जिलों में यह अभियान चलाया जायेगा। चतुर्थ चरण में 22 से 29 मई तक कुमाऊं मंडल में उक्त अभियान चलाया जायेगा।
पत्रकार वार्ता में डा. एस पी रयाल, बीना रावत, योग शिक्षक विनय कुमार, योग शिक्षिका विमला देशवाल, पुष्पा धुक्लान, सुषमा नैथानी, आराधना रावत, वंदना कोटनाला, जितेंद्र मलिक आदि उपस्थित थे।