राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नगर क्षेत्र गौचर में सीएचसी का भवन होने पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण न होने से जनता नाराज

राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नगर क्षेत्र गौचर में सीएचसी का भवन होने पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण न होने से जनता नाराज

गौचर/चमोली (ललिता प्रसाद लखेड़ा) : राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे  जनपद चमोली के नगरपालिका क्षेत्र गौचर में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा जनता एवं जनप्रतिनिधियों की मांग पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गौचर को सीएचसी में उच्चीकृत करने के उद्देश्य से सीएचसी का भवन तों बना दिया गया लेकिन भवन बनने के 15 साल बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गौचर का उच्चीकरण नहीं किया गया है। जिससे नगरपालिका क्षेत्र गौचर के अलावा रानीगढ़ व दशज्युला पट्टी की 30 हजार से अधिक की आबादी को चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव में कई किलोमीटर दूर श्रीनगर, देहरादून जाना पड़ता है। जबकि इस सीएचसी भवन का शिलान्यास से लेकर उद्घाटन व लोकार्पण पूर्व में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहण, स्वास्थ्य मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक तथा सुरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा यह कहकर किया गया था कि जल्द ही गौचर नगर क्षेत्र के लोगों को इस नवनिर्मित सीएचसी के भवन से सीएचसी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी। 

व्यापार मंडल गौचर के अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि एक ओर प्रदेश सरकार चार धाम यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाऐं उपलब्ध कराने का दावा करती आ रही है, वहीं चार धाम यात्रा मार्ग से एकदम सटे हुऐ नगरपालिका क्षेत्र गौचर में जहां पर हवाई पट्टी, निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की बटालियन, बीआरओ की 66 आरसीसी, पालिटेक्निक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, राइका, राआबाइका सहित दर्जनों अन्य शैक्षणिक संस्थाऐं आदि कार्यरत हैं वहीं रानीगढ़ व दशज्युला पट्टी की 30 हजार से अधिक की आबादी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध कराने का एक मात्र राजकीय चिकित्सालय गौचर में ही है, जहां पर सुविधाओं का भारी अभाव बना हुआ है।

पूर्व पालिकाध्यक्ष एडवोकेट महाराज सिंह लिंगवाल, कांग्रेस कमेटी के नगर अध्यक्ष सुनील पंवार, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बिजय प्रसाद डिमरी, राकेश शैली आदि का कहना है  कि स्थानीय जनता  व जनप्रतिनिधि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन तक कर चुके हैं लेकिन डबल इंजन की सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है। जिसका खामियाजा आगामी चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।

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