संपत्ति विवाद मामले में मेयर गामा ने दी सफाई, बोले 18 वर्ष की उम्र से कर रहा हूं परिश्रम, पान की ठेली से लेकर मेयर तक का तय किया है सफर

देहरादून (प्रदीप भंडारी) : देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप लगा है। आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी ने इसका खुलासा किया है। मेयर गामा पर लगे गंभीर आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी अब मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने मेयर गामा से इस्तीफा मांगकर सरकार से जांच कराने की मांग की है।
मेयर बनने के बाद सुनील उनियाल गामा की संपत्ति में कई गुना वृद्धि होने के खुलासे के बाद गामा घिरते जा रहे हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट ने मेयर गामा की संपत्ति के कई गुना बढ़ जाने की बात कही है. आज मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस मामले में सफाई दी है.
दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने मेयर गामा की सम्पत्ति को लेकर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर बनने के बाद से उनकी सम्पत्ति दो करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ से अधिक हो गई है. इसमें उन्होंने खुद अपने और अपने परिवार वालों के नाम पर देहरादून में करोड़ों की जमीन खरीदी हैं. अपने पद का फायदा उठाकर अपने परिवार के नाम पर लीज पर भी कई संपत्तियां ली हैं.'
आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी के मुताबिक 2018 में हुए चुनाव के समय सुनील उनियाल गामा ने लगभग सवा दो करोड़ की चल-अचल संपत्ति की घोषणा का शपथ पत्र दाखिल किया था. इसमें उनके पास छरबा विकासनगर में 12,600 वर्ग और 4500 वर्ग गज के प्लाट, बंजारवाला में 260 वर्ग गज का प्लाट, कालागांव और डोभालवाला में 200-200 वर्ग गज का प्लाट और डोभालवाला में ही 333 वर्ग गज का प्लाट बताया गया. इनका मूल्य उन्होंने लगभग सवा दो करोड़ बताया.
इस जानकारी के सामने आने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरती दिखाई दे रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने कहा, गामा को अपने परिवार के नाम पर ख़रीदी संपत्तियों का ब्यौरा देना चाहिए. मेयर पर सरकार को जांच करनी चाहिए, जबकि भाजपा इस मामले पर मौन है. करन माहरा ने जांच पूरी होने तक सुनील उनियाल गामा का इस्तीफा लेने की भी मांग की है. माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.
संपत्ति विवाद में घिरने के बाद मेयर गामा ने अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि ये संपत्तियां अपनी मेहनत से हासिल की हैं. अब मार्केट वेल्यू बढ़ गई तो इसमें उनका क्या दोष है. मेयर ने कहा पुरानी सम्पत्तियों को बेचकर उनके द्वारा नई संपत्तियां खरीदी गई हैं. इसमें उनका कोई दोष नहीं है. मेयर ने ये भी कहा कि जहां तक महंत की जमीनों को लीज पर लेने की बात है तो उनके द्वारा मेयर बनने से पहले ही ये आवेदन किया गया था.
सुनील उनियाल गामा ने कहा कि उन्होंने 18 साल की उम्र में अपना काम शुरू कर दिया था. एक पान की दुकान से सफर शुरू हुआ. पान की दुकान के साथ-साथ चाऊमीन की दुकान लगाई. चाऊमीन की दुकान पर कूपन से सामान दिया करते थे. उसके बाद हमने धीरे-धीरे अन्य काम के साथ 2009 में प्रॉपर्टी का काम किया. 2012 तक कुछ संपत्तियां खरीदी. संपत्ति लेने के बाद साल 2018 में जो चुनाव में संपत्ति दिखाई थी वह करीब 2 से ढाई करोड़ की थी.
गामा के अनुसार आज उनकी मार्केट वैल्यू बढ़ गई है. उनमें से कुछ संपत्तियों को बेचा जा चुका है. जो सम्पत्ति बेची गई थी उनको बेचकर अन्य संपत्ति खरीदी गई हैं. अगर संपत्ति का रेट बढ़ रहा है तो सभी का बढ़ रहा है. संपत्ति का रेट इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि सरकार विकास कार्य कर रही है. साथ ही महंत देवेंद्र से लीज पर ली गई प्रॉपर्टी पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा 2012 में महंत को आवेदन किया गया था. उसके बाद महंत ने वह दुकान लीज पर दी. साथ ही नगर निगम की ओर से लगातार महंत देवेंद्र को टैक्स को लेकर नोटिस जा रहे हैं.