गुरुकुल कांगड़ी विवि में यज्ञ से नए सत्र का शुभांरभ किया

गुरुकुल कांगड़ी विवि में यज्ञ से नए सत्र का शुभांरभ किया

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में गुरुवार से नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ किया गया। विवि के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद महाराज ने विश्व कल्याण और प्राचीन वैदिक भारतीय संस्कृति व संस्कारों के संरक्षण के लिए 1902 में गुरुकुल की थी। उन्हीं के उद्देश्यों को लेकर यह विश्वविद्यालय आज भी निरन्तर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। प्रो. सोमदेव शतांशु ने बताया कि आज देश में लगभग 1000 विश्वविद्यालय शिक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उनमें से अधिकांश हमारे विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित मानकों को आधार मानकर कार्य कर रहे है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि हम सभी आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय को शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विवि को विश्व पटल पर स्थापित करेंगे। वित्ताधिकारी प्रो. देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि रेगुलेशन-2023 को पारित कर यूजीसी को भेजा जा चुका है। जिसे शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम विश्वविद्यालय को मिलेंगे। विश्वविद्यालय और अधिक तीव्रता से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका का निर्वाह करने की दिशा में अग्रसर होगा। प्रो. अम्बुज कुमार शर्मा, प्रो. प्रभात कुमार, प्रो. डीएस मलिक, प्रो. सुचित्रा मलिक, प्रो. एलपी पुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

यज्ञ में प्रो. विवेक कुमार गुप्ता, प्रो. वीके सिंह, प्रो. नवनीत, प्रो. राकेश कुमार, डॉ. ऋषि कुमार शुक्ला, डॉ. अजित तोमर, डॉ. अजय मलिक, प्रो. ब्रह्मदेव, डॉ. अरूण कुमार, डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ. नीतिन काम्बोज, डॉ. मोहर सिंह मीणा, डॉ. हरेंद्र, डॉ. एमएम तिवारी, डॉ. बबलू आर्य, डॉ. राजकुमार, डॉ. पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, हेमन्त सिंह नेगी आदि मौजूद थे।

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