चारधाम यात्रा : केदारनाथ यात्रा में बर्फबारी बढ़ा रही परेशानी, रोक-रोक कर भेजे जा रहे यात्री

चमोली (प्रदीप लखेड़ा) : अब सोनप्रयाग से पूर्वाह्न 11.30 के बाद श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से केदारनाथ के लिए रवाना नहीं किया जाएगा। जबकि गौरीकुंड से दोपहर बाद एक बजे से आगे नहीं जाने दिया जाएगा।
केदारनाथ में हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल यह निर्णय लिया है। वहीं बृहस्पतिवार को रोके गए चार हजार और शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों कुल 13,429 को सुबह पांच सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। इसके बाद उन्हीं यात्रियों को गौरीकुंड के लिए छोड़ा गया जिनके कमरे बुक हैं। वहीं धाम में शुक्रवार को भी आधे घंटे तक बर्फबारी हुई।
बीते 16 मार्च से केदारनाथ में पल-पल मौसम बदल रहा है और बर्फबारी हो रही है। शीतकाल की अपेक्षा बीते डेढ़ माह में यहां सबसे अधिक बर्फबारी हुई है। आए दिन खराब हो रहे मौसम के कारण बीते 25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के संचालन में भी दिक्कतें आ रही हैं। शुक्रवार को धाम में सुबह से मौसम ठीक रहा लेकिन पूर्वाह्न 11 बजे के बाद बादल छाने लगे और बर्फबारी हुई जो लगभग आधा घंटे तक होती रही।
इधर, बृहस्पतिवार को सोनप्रयाग में करीब चार हजार तीर्थयात्री रोके गए थे। शुक्रवार सुबह पांच बजे तक सैकड़ों तीर्थयात्री भी यहां पहुंच गए जिस कारण यहां संख्या 13,429 हो गई। इसके बाद सभी तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से धाम के लिए रवाना कर दिया गया। वहीं, पैदल मार्ग व धाम में पूरे दिनभर रौनक बनी रही। प्रशासन की ओर से मौसम को देखते हुए जंगलचट्टी, भीमबली और लिनचोली में भी और व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है।
कैदारनाथ में आए दिन हो रही बर्फबारी से बिजली, पानी व संचार सेवा बार-बार बाधित हो रही है, जिससे व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में दिक्कतें हो रही हैं। इसके बावजूद ऊर्जा निगम, जल संस्थान और बीएसएनएल की टीमें व्यवस्थाएं बनाने में जुटी हुई हैं। साथ ही धाम में पुख्ता इंतजाम करने के लिए प्रशासन व पुलिस को कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। केदारनाथ यात्रा के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक करीब 10 हजार यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है।
साथ ही अन्य निजी आवासीय भवनों में भी यात्रियों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। मौसम को देखते हुए ही यात्री यात्रा का आने का कार्यक्रम बनाएं। अगर केदारनाथ में मौसम खराब रहता है तो वह अन्य धार्मिक व पर्यटक स्थलों की सैर करने के बाद ही वहां जाएं।