प्रांत प्रचारक युद्धवीर को सोचे समझे षड्यंत्र के तहत किया जा रहा बदनाम, आरएसएस के प्रतिनिधिमंडल ने DGP को सौंपा ज्ञापन
उत्तराखंड में इन दिनों बैक डोर से हुई भर्तियों की लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वहीं, अब और भी लिस्ट बाहर आईं हैं, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि साल 2017 से 2022 के बीच उत्तराखंड RSS के प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव ने अपने नाते रिश्तेदारों को बैक डोर से नौकरी पर रखवाया है. हालांकि, इस लिस्ट को RSS ने झूठा बताया है और डीजीपी से मिलकर इस मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

देहरादून: उत्तराखंड RSS के प्रांत प्रचारक के खिलाफ सोशल मीडिया में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर भ्रामक प्रचार-प्रसार वाली एक सूची वायरल हो रही है. इस मामले में शनिवार को आरएसएस के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की और कार्रवाई की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. डीजीपी आदेश कुमार ने तत्काल इस मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया.
इस मामले में RSS कार्यवाह दिनेश सेमवाल की लिखित तहरीर पर ही साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में धारा 501/505 आईपीसी व 66 सी आईटी एक्ट में मुकदमा रजिस्टर्ड किया गया है. शिकायत में कहा गया है कि उत्तराखंड प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव के नाम एक लिस्ट वायरल हो रही है, जिसके बार में कहा जा रहा है कि युद्धवीर यादव ने साल 2017 से 2022 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर अपने नाते रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी दिलवाई थी, जो पूरी तरह से निराधार है.
आरएसएस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रांत प्रचारक युद्धवीर यादव को सोचे समझे षड्यंत्र के तहत बदनाम किया जा रहा है. इसीलिए आरएसएस के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी अशोक कुमार मुलाकात की और इस मामले में कार्रवाई करने का निवेदन किया. डीजीपी के आदेश पर देहरादून साइबर पुलिस थाने ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
फेसबुक को नोटिस भेजकर फेक आईडी की होगी पहचान: इस मामले में साइबर डिप्टी एसपी अंकुश शर्मा ने बताया कि यह सारा कारनामा एक फेक आईडी द्वारा किया गया है. ऐसे में अब FIR दर्ज कर साइबर पुलिस फेसबुक को नोटिस भेजकर फेक आईडी के जरिये झूठा प्रचार प्रसार करने वाले का नाम उजागर करवाएगी. इसके बाद फेक आईडी की पहचान कर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.