EXCLUSIVE : विधानसभा अध्यक्ष ने रद्द की 228 नियुक्तियां, विधानसभा सचिव भी तत्काल प्रभाव से निलंबित

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) के संबंध में जांच रिपोर्ट कोटिया जांच समिति ने गुरुवार को देर रात्रि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को सौंपी. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि वो दो दिन के अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार के भ्रमण कार्यक्रम पर थीं. गुरुवार देर रात देहरादून उनके शासकीय आवास पर पहुंचने पर जांच समिति ने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी.
विधानसभा अध्यक्ष (uttarakhand speaker ritu khanduri) ने बताया कि जांच रिपोर्ट सौंपते समय जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया, एसएस रावत एवं अवनेंद्र सिंह नयाल मौजूद रहे. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि समिति ने नियुक्तियां रद्द करने की संस्तुति की है. नियुक्तियां रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. 2016 से 2022 तक की कुल 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. वहीं, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका को संदेह के घेरे में पाते हुए उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने कहा कि जांच समिति ने माना है कि जो भी तदर्थ नियुक्तियां हुईं थी, वह नियम के खिलाफ थीं। उनके लिए ना तो विज्ञापन निकाला गया, ना रोजगार कार्यालय से कोई आवेदन मंगाए गए। जांच समिति ने माना है कि इन भर्तियों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन हुआ है। मूल रिपोर्ट 29 पेज की है जबकि सभी अटैचमेंट के साथ यह रिपोर्ट 2014 पेज की है। विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक, देहरादून और गैरसैण विधानसभा के लिए पदों का पुनर्गठन होगा। विधानसभा में 2011 से पूर्व भर्ती हुए कर्मचारी नियमित हो चुके हैं, इन पर विधानसभा अध्यक्ष विधिक राय लेगी। उसके बाद ही कोई निर्णय होगा। पिछले साल हुई 32 पदों की भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है। आरएमएस टेक्नो सोलुशन कंपनी को दिए गए 56 लाख के भुगतान पर सचिव की भूमिका संदिग्ध है। 2021 के ही उपनल से भर्ती 22 नियुक्ति रद्द कर दी गई हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने जो नियुक्तियां निरस्त की हैं, उनमें 228 तदर्थ हैं और 22 उपनल के माध्यम से। कुल मिलाकर 250 हैं।
इन भर्तियों को निरस्त करने की संस्तुति: जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने साल 2016 की 150 भर्तियां, साल 2020 की 6 भर्तियां और 2021 की 72 तदर्थ भर्तियों को निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेजी है.
नियुक्तियां गलत हैं तो निरस्त होनी चाहिए : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि विधानसभा में नियुक्तियों से संबंधित मामला उनके सामने आया, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जांच करने का अनुरोध किया। बकौल धामी, मैंने स्पीकर से कहा था कि जांच में यदि नियुक्तियां गलत हैं तो उन्हें निरस्त किया जाना चाहिए।