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लोन सेटलमेंट में राहत नहीं मिलेगा बड़ा झटका! जानिए इसका असली असर

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Loan Settlement : लोन सेटलमेंट में राहत नहीं मिलेगा बड़ा झटका! जानिए इसका असली असर

जब लोन नहीं चुका पाते तो बैंक पहले तो जुर्माने के साथ लोन भरने को बोलता है, नहीं भर पाते तो मामला लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) पर आ जाता है। लोन सेटलमेंट करने से उस समय तो आपकी समस्‍या सही हो जाएगी, लेकिन भविष्य में यह परेशानी का सबब बन सकता है। आइए जानते हैं लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) हमें क्यों नहीं करनी चाहिए। लोन सेटलमेंट के क्या नुकसान होते हैं। 

लोन सेटलमेंट से मिलती है राहत

बैंक से लोन लेने के बाद अकसर हम लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में टेंशन में आ जाते हैं। वहीं, बैंक उस लोन को चुकाने में असमर्थ होने पर हमें सेटलमेंट का ऑपश्न (Is Loan Settlement best option) देता है। बैंक का लोन सेटलमेंट का यह ऑपश्न एक हद तक राहत भरा हो सकता है। हमें कम रुपये देने पड़ते हैं। बैंक हमारे अनुरोध पर सेटलमेंट को तैयार हो जाता है। यह वन टाइम सेटलमेंट  की श्रेणी में आता है। 

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रिकवरी एजेंसियों से मिल जाता है छुटकारा

जब हम लोन सेटलमेंट करते हैं तो वसूली को आने वाले रिकवरी एजेंसियों से हमें तब छुटकारा मिल जाता है। बैंक शर्तों (Bank Rules) के साथ उपभोक्ता के बकाया को क्लीयर (Loan clear) कर देता है। लोन सेटलमेंट का ये बड़ा फायदा मिलता है। इससे हमें अब कर्ज की टेंशन नहीं रहती है।

लोन सेटलमेंट से होते हैं ये नुकसान

लोन सेटलमेंट के हमने आपको अभी फायदे बताए हैं। लेकिन लोन सेटलमेंट (Loan Settlement negative points) के कई नुकसान भी हैं। लोन सेटलमेंट करने से एक समय के लिए आपकी  समस्‍या का समाधान हो जाएगा। परंतु ये समाधान परमानेंट नहीं है। लोन सेटलमेंट को लोन क्‍लोजर नहीं मानते हैं। लोन सेटलमेंट एक विकल्प बैंकों (loan settlement process) के पास फंसे हुए रुपये निकालने का होता है। जिसे बैंक अपने रुपये निकालने के लिए प्रयोग करते हैं।

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लोन सेटलमेंट से भविष्य में लोन नहीं मिलेगा

जब आप लोन सेटलमेंट (loan settlement letter) करते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को सिबिल एजेंसी के पास भेजता है। इससे आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) खराब होता है। लोन लेने वाला जब सेटलमेंट करता है तो आर्थिक छवी ये बनती है की वो पैसे वापस करने में सक्षम नहीं है और बैंक भविष्य में भी लोन देने से कतराते हैं।

अगर आप लोन सेटलमेंट (loan settlement CIBIL score) कर रहे हैं तो आपका सिबिल स्‍कोर 100 अंक तक गिर जाता है। ज्यादा अमाउंट के सेटलमेंट में ज्यादा अंकों तक आपका सिबिल स्कोर गिर जाएगा। यह आपके सिबिल स्कोर हिस्ट्री में सात साल तक दिखाएगा। अगले सात साल तक आप लोन के लिए भटक सकते हैं। 

सेटलमेंट नहीं करें तो क्या करें

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जब आप किसी लोन को नहीं भर पाते हैं तो लोन सेटलमेंट (loan settlement) का ऑप्‍शन चुनने से बचें। ज्यादा ही मजबूरी हो तो लोन सेटलमेंट करें। नहीं तो अपने पास पैसे आने का इंतजार करें, या आप बची अमाउंट की कोई किस्त बनवाने की रिक्वेस्ट कर लें। जिससे आपका सिबिल स्कोर न बिगड़े। कोई विकल्प न रहने पर ही लोन सेटलमेंट चुनें। 

सेटलमेंट करने के बाद भी सुधारें सिबिल स्कोर

मान लो आपने मजबूरी में लोन सेटलमेंट कर लिया है तो भी आप सिबिल स्कोर (CIBIL score) को सुधार सकते हैं। इसके लिए आपको आर्थिक रूप से समृद्ध होना जरूरी होगा। जब आपके पास पैसे हो जाएं तो बैंक में जाकर आप पुराने ड्यू प्रिंसिपल, इंटरेस्ट, पेनाल्टी व दूसरे चार्जेज का भुगतान कर देंग। जिससे आपका लोन क्लोज हो जाएगा। इसके बाद आपको बैंक से नो ड्यूज का सर्टिफिकेट मिल जाएगा और आपका सिबिल स्कोर भी सुधरेगा।

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