भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास नए नोट छापने और पुराने नोटों को बंद करने का पूरा अधिकार है। जब भी कोई नया नोट जारी करना होता है, तो भारत सरकार के निर्देशों के बाद आरबीआई उसे बाजार में लाता है। हाल ही में आरबीआई ने 100 और 200 रुपये के नोटों में बदलाव को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो भारतीय मुद्रा के इतिहास में एक अहम कदम है।
आरबीआई के नए गवर्नर कौन हैं?
आपको पता ही होगा कि दिसंबर 2024 में पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल खत्म होने के बाद संजय मल्होत्रा ने आरबीआई के गवर्नर का पद संभाला। शक्तिकांत दास आरबीआई के 26वें गवर्नर थे, जिन्होंने कई बड़े फैसले लिए। अब संजय मल्होत्रा, जो 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, अगले 3 साल तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। उनकी नियुक्ति से भारतीय बैंकिंग सेक्टर में नई उम्मीदें जगी हैं।
नए नोटों में क्या बदलाव होंगे?
आरबीआई ने घोषणा की है कि जल्द ही 100 और 200 रुपये के नए नोट जारी किए जाएंगे, जिन पर नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। इन नोटों का डिजाइन महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज के मौजूदा 100 और 200 रुपये के नोटों जैसा ही रहेगा। आरबीआई ने साफ किया है कि पुराने नोट भी वैध रहेंगे और उन्हें प्रचलन से हटाया नहीं जाएगा। इससे आम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
सुरक्षा फीचर्स से लैस होंगे नए नोट
आरबीआई केवल 100 और 200 रुपये के नोट ही नहीं, बल्कि 50 रुपये के नए नोट भी जारी करने की तैयारी कर रहा है। इन नोटों पर भी संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर और महात्मा गांधी की नई सीरीज की तस्वीर होगी। खास बात यह है कि इनमें कई आधुनिक सुरक्षा फीचर्स जोड़े जाएंगे, जिससे नकली नोटों की छपाई को रोका जा सके। यह कदम देश में बढ़ते नकली नोटों के चलन पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगा।
नोटों में बदलाव क्यों जरूरी?
पहले भी आरबीआई ने 500 रुपये के नोटों में सुरक्षा फीचर्स जोड़े थे, जिससे नकली नोटों पर रोक लगी थी। अब आरबीआई का ध्यान छोटे मूल्य के नोटों (50, 100 और 200 रुपये) पर है। इन नए नोटों में बेहतर सुरक्षा फीचर्स होंगे, खासकर महात्मा गांधी की नई सीरीज वाली तस्वीर, जिसकी नकल करना मुश्किल होगा। इससे न केवल मुद्रा की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि नकली नोटों के प्रसार को रोकने में भी सफलता मिलेगी।