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Raghuraj Singh : रावण और ताड़का को लेकर मचा बवाल! ममता और केजरीवाल पर रघुराज सिंह का बड़ा हमला

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Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रघुराज सिंह एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। उनके बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऐसे बयान भारतीय राजनीति को नई दिशा देंगे या विवादों को और हवा देंगे।

ममता बनर्जी और केजरीवाल पर तीखा प्रहार

रघुराज सिंह ने हाल ही में एक सभा में ममता बनर्जी की तुलना रामायण के किरदार ताड़का से की और कहा कि उनकी पार्टी ममता को राजनीतिक रूप से “खत्म” कर देगी। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी खुद को हिंदू कहती हैं, लेकिन वह कभी किसी हिंदू मंदिर में पूजा करने नहीं गईं। सिंह ने ममता को “गद्दार” करार देते हुए कहा कि वह मुगल काल में भी देश के साथ विश्वासघात करतीं। उनके इस बयान ने पश्चिम बंगाल की सियासत में तूफान ला दिया है, जहां तृणमूल कांग्रेस ने इसे “अपमानजनक” और “स्त्री-विरोधी” करार दिया है।

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दूसरी ओर, रघुराज सिंह ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी नहीं बख्शा। उन्होंने केजरीवाल को “दिल्ली का रावण” कहकर तंज कसा और दावा किया कि दिल्ली की जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर “रावण का नाश” कर दिया। सिंह ने कहा कि केजरीवाल का अहंकार, जिसमें वह खुद को दिल्ली का एकमात्र नेता मानते थे, उनकी हार का कारण बना। उनके इस बयान ने आम आदमी पार्टी के समर्थकों में नाराजगी पैदा की है, और कई नेताओं ने इसे “निम्न स्तर की राजनीति” बताया है।

पहले भी रहे हैं विवादों में

यह पहली बार नहीं है जब रघुराज सिंह अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए हैं। इससे पहले, होली के मौके पर उन्होंने एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि रमजान और होली के एक साथ पड़ने पर “सफेद टोपी वाले” लोग घर से बाहर तिरपाल का हिजाब पहनकर निकलें। इस बयान ने सामाजिक तनाव को बढ़ाने का काम किया था, और विपक्षी दलों ने इसे “सांप्रदायिक” करार दिया था। इसके अलावा, सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में राम मंदिर बनाने की बात कही थी, जिसके लिए वह अपनी पूरी संपत्ति तक दांव पर लगाने को तैयार थे। उन्होंने दावा किया था कि वह इस मंदिर की पहली ईंट रखेंगे।

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क्या है रघुराज सिंह का मकसद?

रघुराज सिंह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री हैं, और उनके बयान अक्सर उनकी पार्टी की हिंदुत्व की विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखे जाते हैं। हालांकि, उनके बयानों का तरीका और भाषा बार-बार सवालों के घेरे में आती है। जानकारों का मानना है कि ऐसे बयान न केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ हमले का हिस्सा हैं, बल्कि अपनी पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति भी हो सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी बयानबाजी भारतीय राजनीति में सकारात्मक योगदान दे पाएगी, या यह समाज में और विभाजन पैदा करेगी?

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जनता की नजर में रघुराज सिंह

रघुराज सिंह के समर्थक उन्हें एक “निडर” और “स्पष्टवादी” नेता मानते हैं, जो अपनी बात बेबाकी से रखते हैं। लेकिन उनके आलोचक कहते हैं कि उनकी भाषा और बयानबाजी देश की एकता और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है। खासकर, ममता बनर्जी और केजरीवाल जैसे बड़े नेताओं पर व्यक्तिगत हमले करके वह अनावश्यक विवाद को जन्म दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके बयानों को लेकर दो धड़ों में बहस छिड़ी है। जहां कुछ लोग उनकी “देशभक्ति” की तारीफ कर रहे हैं, वहीं अन्य इसे “सस्ती लोकप्रियता” का हथकंडा बता रहे हैं।

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