मशहूर लेखक तारिक फतेह ने दुनिया को कहा अलविदा, कैंसर से हारे जिंदगी की जंग

मशहूर लेखक तारिक फतेह ने दुनिया को कहा अलविदा, कैंसर से हारे जिंदगी की जंग

नई दिल्ली (आरएनएस)। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और पत्रकार तारिक फतेह का सोमवार को निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। वह लंबे समय से पाकिस्तान छोडक़र कनाडा में रह रहे थे। वह बीते कई दिनों से कैंसर की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थे।

तारिक का जन्म 20 नवंबर 1949 को आजादी के बाद बने पाकिस्तान के कराची में हुआ था। उनका परिवार मुंबई का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चला गया था। उन्होंने कराची विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी। 1960 और 1970 के दशक के अंत में वह वामपंथी छात्र आंदोलन के नेता बने रहे। इसी दौरान पाकिस्तान सरकार ने दो बार उन्हें गिरफ्तार किया था।

इसके बाद 1977 में जनरल जिया-उल-हक के शासनकाल में उन पर राजद्रोह का आरोप लगा और बतौर पत्रकार काम करने से उन्हें रोका गया। वह 1987 में कनाडा चले गए और पत्रकार के रूप में काम करते रहे। इस दौरान वह रेडियो और टीवी पर भी कमेंट्री करते रहे। उनकी हिन्दी, उर्दू, इंग्लिश, पंजाबी और अरबी भाषाओं में अच्छी पकड़ थी।

उन्होंने अपने जीवन में कई पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें यहूदी मेरे दुश्मन नहीं हैं, चेजिंग ए मिराज, द ट्रैजिक इल्यूजन ऑफ एन इस्लामिक स्टेट, द ज्यू इज नॉट माय एनिमी जैसी किताबें लिखीं। तारिक के निधन पर उनकी बेटी नताशा ने ट्वीट किया, पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लडऩे वाला, दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज तारेक फतेह नहीं रहे। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।

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