National Herald Case : नई दिल्ली में सियासी गलियारों में हलचल मची है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस कार्रवाई ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार का सबूत बताते हुए गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला है। वहीं, कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार देते हुए देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। आइए, इस मामले की गहराई में उतरकर समझते हैं कि आखिर माजरा क्या है।
नेशनल हेराल्ड केस: क्या है पूरा मामला?
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसकी स्थापना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। ED का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी, असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने के लिए सुनियोजित साजिश रची।
चार्जशीट के मुताबिक, सोनिया और राहुल गांधी ने अपनी निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ के जरिए AJL के 99% शेयर मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिए। इस कंपनी में गांधी परिवार के पास बहुमत शेयर हैं। ED का दावा है कि यह सारी प्रक्रिया अवैध थी और इसमें पब्लिक फंड का दुरुपयोग हुआ।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले को “गांधी मॉडल ऑफ करप्शन” करार दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को हथियाने के लिए कॉरपोरेट साजिश रची। यह संपत्ति, जिसमें दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों में मूल्यवान जमीनें शामिल हैं, गलत तरीके से एक परिवार के हाथों में चली गई।”
बीजेपी का हमला: “कांग्रेस का भ्रष्टाचार उजागर”
बीजेपी ने इस चार्जशीट को कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार का पक्का सबूत बताया है। रविशंकर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस को धरना देने का हक है, लेकिन पब्लिक फंड लूटने का नहीं। क्या अब कानून को भी अपना काम करने से रोका जाएगा?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से 90 लाख रुपये की मदद AJL को दी, जो नियमों के खिलाफ है। प्रसाद ने हरियाणा में 3 करोड़ की जमीन को 58 करोड़ में बेचने का उदाहरण देते हुए इसे गांधी परिवार की भ्रष्ट कार्यशैली का हिस्सा बताया।
उन्होंने आगे कहा, “नेशनल हेराल्ड कभी नेहरू-गांधी परिवार की निजी जागीर नहीं थी। इस अखबार को देश के बड़े-बड़े स्वतंत्रता सेनानियों और दानदाताओं ने अपने योगदान से खड़ा किया था। लेकिन कांग्रेस ने इसे अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया।”
कांग्रेस का जवाब: “यह बदले की राजनीति”
ED की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। पार्टी का कहना है कि यह चार्जशीट केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई का हिस्सा है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि नेशनल हेराल्ड एक गैर-लाभकारी संगठन था, और यंग इंडियन के जरिए इसे पुनर्जनन का प्रयास किया गया था। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यह कोई नया मामला नहीं है। बीजेपी बार-बार गांधी परिवार को निशाना बनाती है, लेकिन जनता सब समझती है। हम कानून का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
वाड्रा कनेक्शन: गुरुग्राम जमीन घोटाला
इस बीच, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा भी ED के रडार पर हैं। गुरुग्राम जमीन घोटाले के सिलसिले में उनसे लगातार पूछताछ चल रही है। बुधवार को वाड्रा एक बार फिर ED के सामने पेश होंगे। बीजेपी ने इसे भी गांधी परिवार की कथित भ्रष्टाचार की कहानी से जोड़ा है। रविशंकर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा, “हरियाणा में 3 करोड़ की जमीन 58 करोड़ में बेचना और 50 लाख में 2,000 करोड़ की संपत्ति हथियाना—यही है गांधी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट।”
कानून अपना काम करेगा या सियासत हावी होगी?
नेशनल हेराल्ड केस की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। ED ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और पवन बंसल जैसे बड़े नेताओं से पूछताछ की है। रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाया, “जब करोड़ों की संपत्ति गलत तरीके से हथियाई गई, तो क्या कानून चुप रहेगा? कांग्रेस जवाब देने की बजाय इसे बदले की राजनीति बता रही है।”
यह मामला न केवल कानूनी दायरे में है, बल्कि राजनीतिक मंच पर भी गरमाया हुआ है। जहां बीजेपी इसे कांग्रेस के खिलाफ बड़ा हथियार मान रही है, वहीं कांग्रेस इसे विपक्ष को कमजोर करने की साजिश बता रही है। आने वाले दिन दिखाएंगे कि यह सियासी जंग किस दिशा में जाती है।